मंगलवार को शिव और रवियोग में नागपंचमी मनायी जायेगी. इसको लेकर सभी तैयारी पूरी की जा चुकी है. हर साल कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है. मान्यताएं है कि नागपंचमी के अवसर व्रत रखकर रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय व जलाभिषेक करने पर भगवान शिव प्रसन्न होकर मनोवांछित फल प्रदान करते हैं. इस बार शिवयोग में नागपंचमी मनायी जायेगी. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन नाग पूजा करने से कालसर्प दोष का अशुभ प्रभाव कम होता है. ज्योतिषशास्त्री पंडित उपेंद्र तिवारी ने बताया कि पंचांग के अनुसार, सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का आरंभ 28 जुलाई को रात में 11 बजकर 25 मिनट पर होगा और यह 29 जुलाई मंगलवार को पंचमी तिथि रात में 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगी. इसलिए उदया तिथि के अनुसार, नागपंचमी 29 जुलाई मंगलवार को मनायी जायेगी. इस बार नाग पंचमी तिथि पर शिव योग, रवि योग का बेहद शुभ संयोग बन रहा है. इस दिन सावन का मंगलवार होने के कारण इस बार नागपंचमी पर मंगला गौरी व्रत का संयोग भी है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन किये गये जप-तप का बहुत शुभ फल मिलता है.
=नागपंचमी का महत्व
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