
भभुआ कार्यालय. भभुआ सदर अस्पताल की व्यवस्था सुधारने का नाम नहीं ले रही है. ऐसा लग रहा है कि यहां के स्वास्थ्य कर्मियों की संवेदना भी मर चुकी है. तभी तो कैमूर पहाड़ी पर स्थित अधौरा प्रखंड के सिकरी गांव में डायरिया ने विकराल रूप ले लिया है. वहां पर डायरिया से पीड़ित एक छह वर्षीय बच्ची की मौत भी हो चुकी है. वहीं, 50 से अधिक लोगों का अधौरा पीएचसी व भभुआ सदर अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है. डायरिया के कारण सीकरी गांव की स्थिति इतनी बिगड़ गयी है कि वहां पर मंत्री से लेकर डीएम तक स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दौरा कर चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीम वहां पर कैंप कर रही है सिविल सर्जन से लेकर डीपीएम तक वहां लगातार दौड़ लगा रहे हैं. लेकिन इन सब चीज से बेखबर इस विकट परिस्थिति में भी सदर अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी कैमूर पहाड़ी पर रहने वाले गरीब लोगों से अवैध वसूली करने में ही जुटे हैं. बुधवार की शाम सीकरी गांव के डायरिया पीड़ित सदर अस्पताल में भर्ती छह वर्षीय बच्चे के परिजनों से खून जांच के नाम पर आठ सौ रुपये वसूले जाने का मामला सामने आया है. पीड़ित बच्चे की मां पैसा वसूलने वाले स्वास्थ्यकर्मी से यह लगातार कहती रही कि वह काफी गरीब लोग हैं. उनके पास पैसा नहीं है, लेकिन डायरिया पीड़ित बच्चे की जान को खतरा बात कर महिला को डरा कर उससे आठ सौ रुपये वसूल लिये गये है. सीकरी गांव की रहने वाली अंजू देवी बताती है कि उनके छह वर्षीय बच्चे को डायरिया हो गया. उसे काफी उल्टी और दस्त हो रहा था. पूरे गांव में डायरिया फैला हुआ है. उल्टी और दस्त के कारण उनके बच्चे आशीष की स्थिति लगातार बिगड़ रही थी. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा एंबुलेंस से उन्हें अधौरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भेजा गया. जहां पर बच्चों की गंभीर स्थिति को देखकर चिकित्सकों के द्वारा भभुआ सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. बीते शुक्रवार को वह भभुआ सदर अस्पताल में भर्ती हो गयी. मंगलवार को उन्हें बताया गया कि उनके बच्चे को जोंडिस हो गया है. उसके शरीर में खून की काफी कमी है. नर्स के द्वारा बताया गया कि बच्चे का खून जांच करने में एक हजार रुपये लगेगा. जब बच्चे की मां ने ₹1000 नहीं होने की बात का पैसा देने से असमर्थता जाता दी, तो अगले दिन नर्स के द्वारा बताया गया कि अगर आठ सौ अभी है, तो दे दीजिए नहीं, तो बच्चे की जान चली जायेगी. इसके बात बच्चे की जान जान से डरी अंजू नर्स को आठ सौ रुपया दे दिया. इसके बाद नर्स के द्वारा खून जांच के लिए ब्लड सैंपल लिया गया. लेकिन, उसकी रिपोर्ट बुधवार के रात तक नहीं दी गयी. इसी बीच बसपा के नेता ओमप्रकाश पांडे उर्फ मुन्ना पांडे डायरिया पीड़ित मरीजों का हाल जानने के लिए बुधवार की देर शाम जब सदर अस्पताल पहुंचे, तो पीड़ित मरीजों के द्वारा बताया गया कि उनसे इलाज के लिए पैसा लिया जा रहा है. उनके पास पैसा नहीं है आखिर कहां से वह अपना इलाज कराएं. उनके समझ में नहीं आ रहा है. अंजू ने बताया कि उनके बच्चे के खून जांच के नाम पर नस के द्वारा 800 लिया गया है, तब बसपा नेता ओम प्रकाश पांडे के द्वारा इसकी जानकारी डीएम को दी गयी. = एक तरफ मंत्री से लेकर डीएम गांव का कर रहे हैं दौरा, दूसरी तरफ स्वास्थ्यकर्मी वसूल रहे हैं पैसा एक तरफ चैनपुर विधानसभा के विधायक एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सीकरी गांव में फैले डायरिया पर नियंत्रण पाने के लिए उक्त गांव का दौरा कर रहे हैं. मंगलवार को डीएम सुनील कुमार खुद सीकरी गांव में जाकर डायरिया से बिगड़ रही स्थिति की जानकारी ली थी. और स्वास्थ्य सुविधाओं का निरीक्षण किया था. सीकरी में कैसे डायरिया पर नियंत्रण पाया जाए. इस पर मंत्री डीएम सहित स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी पूरी मजबूती से लगे होने का दावा कर रहे हैं. लेकिन, उसी समय भभुआ के सदर अस्पताल में डायरिया पीड़ित मरीज के परिजन से खून जांच के नाम पर स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा आठ सौ रुपये का वसूली किया जाना स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों का पहला डायरिया के प्रति गंभीरता को स्पष्ट रूप से बता रहा है. स्वास्थ्य कर्मी का उक्त करतूत यह बता रहा है कि आपदा की इस घड़ी में भी स्वास्थ्य विभाग अवैध वसूली करता नजर आ रहा है. कहते हैं सिविल सर्जन इधर, इस संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन चंदेश्वरी रजक ने बताया कि उक्त शिकायत की जानकारी हमें भी हुई है. इसे गंभीरता से लिया गया है और उक्त मामले में अस्पताल की उपाधीक्षक को जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है. वहां से जांच कर रिपोर्ट आने के बाद दोषी कर्मी के ऊपर कार्रवाई की जायेगी.
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