चैनपुर. देश में कई ऐसे गरीब परिवार हैं जिन तक मेडिकल सुविधाएं नहीं पहुंच पाती है. उन लोगों तक सभी चिकित्सीय सुविधाएं पहुंच सके उस दिशा में वह काम करना चाहते हैं. उक्त बातें नीट परीक्षा में ईडब्ल्यूएस से ऑल इंडिया 127वां रैंक हासिल किये चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के जगरिया गांव निवासी अरुण कुमार पांडेय के पुत्र संस्कार भारद्वाज ने कहीं. तीसरे प्रयास में संस्कार भारद्वाज ने ऑल कैटेगरी रैंक में 1718 व ईडब्ल्यूएस में 127वां रैंक हासिल कर अपने गांव जगरिया व पूरे जिले का नाम रोशन किया है. किसान पिता अरुण कुमार पांडेय ने इस सफलता का श्रेय संस्कार के कड़ी मेहनत को दिया. अरुण पांडेय ने बताया कि उनकी बेटी सभ्यता पांडेय भी डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही है, वह अभी उज्बेकिस्तान में मेडिकल फाइनल इयर की छात्रा है. संस्कार भारद्वाज ने बताया कि बायोलॉजी में उसका 360 में 350 अंक आया है, यह उसके वंदना मैम द्वारा दी गयी शिक्षा का परिणाम है. उन्होंने बेहद सरल तरीके से बायोलॉजी की शिक्षा दी, जिसके फल स्वरूप वह 350 अंक लाने में कामयाब रहा और उसी का परिणाम है कि रैंकिंग इतना अच्छा है. संस्कार भारद्वाज ने बताया वह डॉक्टर बनने के बाद जिन लोगों तक चिकित्सीय सुविधा नहीं पहुंच पा रही हैं उन लोगों तक मेडिकल सुविधा की पहुंच सुगम बनाना चाहते है. नीट का रिजल्ट आने के बाद जगरिया गांव में लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार कर रहे हैं कि गांव का संस्कार अब डॉक्टर बनेगा, वहीं उसके माता-पिता ने भी उसका मुंह मीठा करते हुए उसकी सफलता पर शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद दिये. संस्कार भारद्वाज के बड़े पिता संजय पांडेय जगरिया पंचायत के पैक्स अध्यक्ष हैं, वहीं चाचा अरविंद पांडेय शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं. # डॉक्टर बन कर करना चाहता है गरीबों की सेवा
संबंधित खबर
और खबरें