भभुआ सदर. इस बार भयंकर लू व प्रचंड धूप से मनुष्यों के साथ-साथ पशुओं की भी हालत खराब है. कड़ी धूप व गर्मी के चलते हरे चारे की भी अब कमी होने लगी है, जिसके चलते उनका दूध भी कम होने लगा है, इससे पशुपालक भी परेशान हैं. गर्मी की स्थिति में पशुधन को सुरक्षित रखने के लिए छायादार पशु आवास व स्वच्छ पीने का पानी आदि पर ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है. क्योंकि, तेज गर्मी से बचाव प्रबंधन में जरा सी लापरवाही से पशुओं को लू लग जा रही है. इससे उनको तेज बुखार हो जा रहा है. मवेशी अस्पताल भभुआ के कर्मी नंद जी उपाध्याय ने बताया कि इससे बचाव के लिए आवास के अभाव में पशुओं को छायाकार पेड़ों के नीचे बांधे. पशु आवास में गर्म हवाओं का सीधा प्रवाह नहीं होने पाए, इसके लिए बोरी के टाट को गीला कर उसके इर्द-गिर्द बांध दें, जिससे पशु आवास में ठंडक बनी रहे. उन्होंने बताया कि पशुओं को स्वच्छ पानी दिन में कम से कम तीन बार अवश्य पिलाएं. इसके अलावा पानी में थोड़ी मात्रा में नमक व आटा मिलाकर पिलाना भी अधिक उपयुक्त है. बताया कि पशुओं को लू लगने पर प्याज का रस व पानी में ग्लूकोज अथवा नमक व शक्कर घोलकर पिलाएं. पशु में बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क कर पशु का उपचार कराएं.
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