Kaimur News : कर्मनाशा नहर के बाहा से फिर नहीं होगा किसानों के खेतों का पटवन

दुर्गावती प्रखंड की धडहर पंचायत में कर्मनाशा नहर के पानी को पटवन के लिए किसानों के खेतों तक पहुंचाने वाले धड़हर पंचायत के बाहा से इस साल भी किसानों के खेतों को पानी नहीं मिल सकेगा.

By PRABHANJAY KUMAR | June 8, 2025 8:46 PM
feature

भभुआ. दुर्गावती प्रखंड की धडहर पंचायत में कर्मनाशा नहर के पानी को पटवन के लिए किसानों के खेतों तक पहुंचाने वाले धड़हर पंचायत के बाहा से इस साल भी किसानों के खेतों को पानी नहीं मिल सकेगा. इस बाहा के जीर्णोद्धार का काम वर्ष 2024 के दिसंबर माह में शुरू कराया गया था. लेकिन, बाहा का निर्माण आधा अधूरा करके छोड़ दिया गया. इसे लेकर जनप्रतिनिधियों और किसानों द्वारा जिला प्रशासन को आवेदन देकर बरसात के पहले बाहा की सफाई और मरम्मत कराने की मांग सहित बाहा खुदाई में बगैर पूरा काम किये सरकारी राशि की निकासी की जांच कराने की भी मांग की गयी है. इधर, इस संबंध धडहर पंचायत के वार्ड नंबर दो की वार्ड सदस्य नीलम देवी, दीपक यादव आदि द्वारा बताया गया कि दिसंबर 2024 में इस बाहा के जीर्णोद्धार का काम मनरेगा योजना से शुरू कराया गया था. लेकिन, 150-200 मीटर बाहा की झराई और सफाई करने के बाद काम बंद कर दिया गया. ग्रामीणों ने बताया कि इस बाहा की सफाई का प्राक्कलन तीन लाख 16 हजार 778 रुपये का था. लेकिन, बगैर पूरा काम कराये इस बाहा के नाम पर राशि की भी निकासी कर ली गयी और जो काम किया गया वह भी ठीक से नहीं किया गया. वार्ड सदस्य ने बताया कि इसे लेकर कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा दुर्गावती से भी शिकायत की गयी. लेकिन, न कोई कार्रवाई, न ही कोई जांच की गयी. इसके बाद जिला प्रशासन को आवेदन देकर बाहा की खुदाई और सफाई कराने के साथ बाहा खुदाई के नाम पर सरकार राशि की निकासी किये जाने की जांच कराने की भी मांग की गयी है. = इस बाहा से आधा दर्जन गांवों में होता है पटवन ग्रामीणों ने बताया कि इस बाहा में कर्मनाशा नहर से पानी आता है और आधा दर्जन से अधिक गांवों के बधार में किसानों के फसल का पटवन होता है. लेकिन, पिछले कुछ वर्षों से बाहा जगह-जगह टूट जाने के कारण पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इसे लेकर मनरेगा से बाहा का जीर्णोद्धार कराये जाने की योजना शुरू की गयी थी. लेकिन, यह योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी. ग्रामीणों ने बताया कि बाहा की लंबाई लगभग सावा किलोमीटर के आसपास है. इस बाहा के पानी से बसावनपुर, सखेलीपुर, नियाजपुर आदि गांवों के बधार का पटवन होता है. किसानों के धान की फसल जब बरसात नहीं होती है, तो पूरी तरह से बाहा के पानी के पटवन पर ही आधारित है. ग्रामीणों ने बताया कि अगर जून माह में भी बाहा का जीर्णोद्धार करा दिया जाता है, तो किसानों को धान की फसल में पटवन को लेकर पानी उपलब्ध होने लगेगा. क्योंकि, बरसात नहीं होने पर फसल मरने लगती है.

संबंधित खबर और खबरें

यहां कैमूर न्यूज़ (Kaimur News) , कैमूर हिंदी समाचार (Kaimur News in Hindi), ताज़ा कैमूर समाचार (Latest Kaimur Samachar), कैमूर पॉलिटिक्स न्यूज़ (Kaimur Politics News), कैमूर एजुकेशन न्यूज़ (Kaimur Education News), कैमूर मौसम न्यूज़ (Kaimur Weather News) और कैमूर क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version