कटिहार समेली की धरती से उपजे साहित्य रत्न अनूपलाल मंडल अनमोल विभूतियों में एक हैं. अनूप लाल मंडल द्वारा कई रोचक कहानियां, बाल कथाएं, एकांकी के साथ उपनिषदों की कथाएं मुसोलिनी का बचपन आदि लिखे, पूर्व उपाध्यक्ष जिप सह प्रदेश महामंत्री अखिल भारतीय कैवर्त कल्याण समिति के श्रीकांत मंडल ने बताया कि कुल मिलाकर सभी विधाओं में लगभग तीन दर्जन से ज्यादा रचनाओं का विपुल भंडार है. जो राष्ट्रभाषा परिषद पटना के संज्ञान में है. 1948 में बांग्ला से हिन्दी मेंं अनुदित अनूपजी की रचना नीतिशास्त्र को तिलकामांझी भागलपुर विवि के पाठ्यकम में शामिल किया गया. 1975 में बिहार सरकार द्वारा इन्हें बिहार ग्रंथ लेखक पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 1981 में बिहार राष्ट्रभाषा परिषद द्वारा वयोवृद्ध साहित्य सम्मान से विभूषित किया गया. एक समाजसेवी के रूप में उन्होंने 1976 ई में उन्होंने 16 हजार रूपये चंदा इकठ्ठा कर समेली में स्वास्थ्य उपकेन्द्र की स्थापना करवाने में बहुमूल्य योगदान दिया. वर्षों बाद ऐसे महान साहित्यकार की मूर्ति अनावरण होना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि के सामान होगा.
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