कोढ़ा कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र में रविवार को अचानक मौसम ने करवट ली. दोपहर बाद तेज हवा के साथ आंधी, मूसलाधार बारिश शुरू हो गयी. इस बारिश ने जहां कुछ किसानों को राहत दी तो वहीं कई किसानों के लिए यह आफत बनकर आयी. पिछले कई दिनों से क्षेत्र में बारिश नहीं होने के कारण धान की खेती सूखने की कगार पर पहुंच चुकी थी. खेतों में दरारें पड़ने लगी थीं. किसान परेशान थे लेकिन रविवार को आई बारिश ने धान किसानों को बड़ी राहत दी है. खेतों में पानी पहुंचते ही सूख रही धान की फसल में जान आ गयी. किसानों के मुताबिक, यह बारिश धान की खेती के लिए संजीवनी साबित हुई है. रामपुर, मूसापुर, खेरिया पथ और भटवाड़ा रोड क्षेत्र के कई किसानों ने बताया कि वे काफी दिनों से बारिश की बाट जोह रहे थे. धूप और गर्मी से खेत बंजर हो रहे थे. अब जब बारिश हुई है तो उनकी मेहनत रंग लाने की उम्मीद जगी है. दूसरी ओर केले की खेती करने वाले किसानों के लिए यह आंधी और बारिश भारी तबाही लेकर आयी. प्रखंड के कई इलाकों में तेज हवा के कारण केले के पौधे जड़ से उखड़ गये और खेतों में बिखर गये. राजीव कुमार और रामनाथ सिंह जैसे किसानों ने अपने-अपने खेतों में एक एकड़ में केले की फसल लगा रखी थी. अच्छी फसल की उम्मीद कर रहे इन किसानों की सारी आशाएं तेज हवा और बारिश के साथ बह गयी. केला किसानों का कहना है कि इस बार मौसम ने धोखा दे दिया. जब फसल पकने लगी थी और अच्छा उत्पादन होने की उम्मीद थी. तब इस तरह की तबाही ने आर्थिक नुकसान पहुंचा दिया. पूरे प्रखंड में सैकड़ों एकड़ में लगी केले की फसल को नुकसान पहुंचा है. किसानों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे कराया जाय. प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा प्रदान किया जाय. ताकि वे फिर से खेती के लायक खड़े हो सकें.
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