फोटो 1 कैप्शन- मौलाना मेराज आलम, फाइल फोटो. प्रतिनिधि, बलिया बेलौन मरकजी रोयते हेलाल इस्लाही कमेटी सालमारी के मौलाना मेराज आलम ने कहा कि पूरे रमजानुल मुबारक का महीना खुदा की तरफ से रहमत, अजमत, बरकत वाला महीना है. अल्लाह रब्बुल इज्जत ने इस बरकत वाले मुबारक महीने को तीन अशरा में बांटा है. एक रोजा से दस रोजा तक पहला अशरा है. पहला अशरा खुदा की रहमत वाला है. इस अशरे में खुदा की रहमत नाजिल होती है. 11 रोजा से दूसरा अशरा शुरू होता है. कल से दूसरा अशरा शुरू हो रहा है. इस अशरा में खुदाए पाक अपने बंदों की मगफिरत करते हैं. यानी अल्लाह पाक अपने बंदों के गुनाहों को माफ़ फरमाते हैं. इस अशरे में हमें चाहिए कि बारगाहे खुदावंदी में ज्यादा से ज्यादा गुनाहों की माफी के लिए मगफिरत करें. 21वें रोजा से तीसरा अशरा शुरू होता है. तीसरा अशरा जहन्नुम की आग से निजात का है. इस अशरा में अल्लाह रब्बुल इज्जत अपने बंदों को जहन्नुम की आग से बचाते हैं.
संबंधित खबर
और खबरें