सजावार कैदी ने पारिश्रमिक मांगने पर सेंट्रल जेल भेज देने की धमकी का लगाया आरोप

सजावार कैदी ने पारिश्रमिक मांगने पर सेंट्रल जेल भेज देने की धमकी का लगाया आरोप

By RAJKISHOR K | July 13, 2025 7:12 PM
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– अपर मुख्य सचिव सहित डीएम व अन्य अधिकारियों से की शिकायत कटिहार नगर थाना कांड संख्या 974/2017 सत्रवाद संख्या 153/2018 में सजावार कैदी को पारिश्रमिक नहीं देने तथा मांगने पर उसे बक्सर सेंट्रल जेल भेजने का आरोप कैदी के पिता ने लगाया है. सजावार कैदी भोला विश्वास के पिता सुरेश विश्वास बाटा चौक निवासी ने अपर मुख्य सचिव गृह विभाग, आरक्षी महानिरीक्षक कारा एवं जिला पदाधिकारी कटिहार को दिये आवेदन में कहा है कि मेरा एक मात्र पुत्र भोला विश्वास उर्फ अजय विश्वास उपरोक्त वर्णित केस में मंडल कारा कटिहार में 2018 से बंद है. वर्ष 2021 में पुनः एक साजिस के तहत उसे पूर्णिया सेन्ट्रल जेल भेज दिया. जहां से फिर उसे केन्द्रीय कारा बक्सर भेज दिया गया. सेंट्रल जेल से कटिहार लाकर उसे सेल में रखा न्यायालय कटिहार के आदेश से पुनः दिनांक 12 जुलाई 2023 को भोला को मंडल कारा कटिहार लाया गया और तब से उसे सेल में रखा गया है. सजावार कैदी से काम लेने पर दिया जाता पारिश्रमिक जेल मेनुअल के अनुसार सजावार कैदी से काम लेने के एवज में उसे पारिश्रमिक दिया जाने का प्रावधान है. मेरा पुत्र शाम 6 बजे से 9 बजे रात तक तथा पुनः 9 बजे रात से 12 बजे तक रात्रि पहरा के लिए काम कराया गया, लेकिन उसके एवज में पारिश्रमिक का कुल राशि 30 हजार जेलर के पीसी में जमा या भुगतान नहीं किया गया. सेल से निकालने व पारिश्रमिक राशि देने की बात कह निकासी आवेदन पर कराया हस्ताक्षर आवेदन में सजावार कैदी के पिता ने आरोप लगाते हुए कहा, सरवर इमाम खान जेलर मंडल कारा कटिहार एवं दिपू शर्मा सहायक जेलर पर आरोप लगाया है कि ने मेरे पुत्र को प्रलोभन देते हुए आश्वासन दिये कि हमलोग विपिन कुमार जेल अधीक्षक कटिहार से कहकर सेल से उतरवा देने का तथा परिश्रमिक दिलवा देने के एवज में खर्च करने की बात कही. मेरा पुत्र उन दोनो पदाधिकारियों के झासे में आकर पीसी में रखे 30 हजार की निकासी आवेदन पर हस्ताक्षर कर दिया. लेकिन उन लोगों के दिये आश्वासन के बावजुद भी मुझे न तो सेल से निकाला गया ना ही मेरे लडके के द्वारा किये गये काम के एवज में उचित राशि दी गयी. जब अन्य सजावार कैदी को पारिश्रमिक का भुगतान किया जाने लगा तो मेरे लडके के द्वारा उपरोक्त वर्णित दोनों पदाधिकारियों से मिल राशि भुगतान के लिये आग्रह किया तो दोनों ने साफ शब्दों में कहा कि तुमको पारिश्रमिक नहीं मिलेगा. कहने लगे कि ज्यादा बोलोगे तो तुम्हारे टिकट हिस्ट्री पर विरोध में लिखकर तुमको फिर से केन्द्रीय कारा बक्सर भेज देंगे. उन दोनों अधिकारियों के वर्ताव से दुखित हूं. मेरा लडका 21 जून से आज तक जेल में खाना भी लेना छोड दिया है. जिसकी पूर्व सूचना जेल अधीक्षक विपिन कुमार को दी गई थी. जेल अधीक्षक ने मेरे पुत्र को आश्वासन दिया कि जाते-जाते तुम्हारे पारिश्रमिक राशि का भुगतान कर दूंगा. अधीक्षक का स्थानांतरण हो जाने के कारण उसका पारिश्रमिक राशि आज तक लम्बित है. अपने आवेदन में उन्होंने यह भी दर्शाया की उनका अधिक उम्र हो जाने के कारण मेरे पुत्र की पत्नी एवं अपनी पत्नी का भरण-पोषण करने में कठिनाई होती है. भोला के उसी पारिश्रमिक राशि से किसी तरह परिवार का भरण पोषण चलता था. कारा अधीक्षक ने फोन नहीं किया रिसिव इस संदर्भ में नव पदस्थापित कारा अधीक्षक उदय कुमार से मोबाइल पर संपर्क करने पर उनसे बात नहीं हो पायी. उन्होंने मोबाइल फोन रिसीव नहीं किया. बात होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि सजावार कैदी के पिता के द्वारा लगाये गये आरोप में कितनी सत्यता है.

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