आजमनगर निमौल पंचायत निवासी निशार आलम का 15 वर्षीय पुत्र सलमान एक सप्ताह पहले ही मजदूरी करने के लिए दिल्ली गया था. जहां उसकी मौत हो गयी. ग्रामीणों के अनुसार सलमान के घर की हालात ठीक नहीं थी. गरीबी से बाहर निकल कर अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहता था. वह महज़ 15 वर्ष के उम्र में ही अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए अपने घर परिवार को छोड़कर दिल्ली मेहनत मजदूरी करने चला गया. एक सप्ताह के बाद परिजनों को दिल्ली से सलमान के मौत की खबर ने परिजनों को झंझोर कर रख दिया. एक बार फिर गरीबी के कारण एक मासूम की जान गयी. उसकी मौत के कारण उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. माता- पिता ने कहा कि मेरे बेटे ने कम उम्र में ही जिम्मेदारियों को समझ लिया था. वह अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया करता था. अब हमें सहारा कौन देगा. यह कहते हुए फूट-फूट कर रोते बिलखते हुए बिहार सरकार से उचित मुआवजे की मांग की है.
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