किशनगंज
चिह्नित पंचायतों में सघन खोज अभियान, प्रति हजार पर 30 लोगों की होगी जांच
जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने जानकारी दी कि अभियान के तहत पहले से चिह्नित पंचायतों में प्रति हजार आबादी पर कम-से-कम 30 लोगों की टीबी जांच की जाएगी. इस अभियान में अगर प्रति हजार पर एक या उससे कम मरीज पाए जाते हैं और अन्य निर्धारित मापदंडों की पूर्ति होती है तो संबंधित पंचायत को टीबी मुक्त पंचायत घोषित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अभियान की सफलता के लिए सभी सीएचओ, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है तथा प्रखंडवार माइक्रोप्लान भी तैयार किया जा रहा है.युवाओं में टीबी की पहचान को लेकर चलेगा सी-वाई टीबी टेस्ट अभियान
योजनाओं का लाभ भी पहुँचाया जाएगा पात्रों तक
डॉ. चौधरी ने बताया कि जांच और उपचार के साथ-साथ राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मिलने वाली निक्षय पोषण योजना, निक्षय मित्र योजना और अन्य सहयोगी योजनाओं का लाभ भी पात्र लाभार्थियों को पहुंचाया जाएगा. इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं की सहायता ली जाएगी ताकि कोई भी टीबी मरीज योजना से वंचित न रह जाए.लक्षण दिखे तो जाँच और इलाज को दें प्राथमिकता – स्वास्थ्य विभाग की अपील
जिला प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध
जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा कि टीबी उन्मूलन केवल स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह एक जनभागीदारी आधारित आंदोलन है. उन्होंने कहा की जिले में टीबी के खिलाफ चल रहे प्रयासों को सफल बनाने के लिए सभी विभागों, जनप्रतिनिधियों और आम लोगों का सहयोग जरूरी है. हमारा लक्ष्य है कि किशनगंज जिला बिहार के प्रथम टीबी मुक्त जिलों में शामिल हो. उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से भी अपील की कि वे इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभाएं और आम लोगों को जांच के प्रति जागरूक करें. स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो टीबी को हराने के लिए सबसे जरूरी है लोगों का समय पर जांच कराने की समझ और उपचार का अनुशासनपूर्वक पालन. किशनगंज में संचालित होने वाला यह अभियान सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि स्वस्थ भविष्य की नींव रखने का अभियान है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है