किशनगंज. कालाजार, जिसे लीशमैनियासिस भी कहा जाता है, एक गंभीर और जटिल बीमारी है, जो मुख्य रूप से गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों में फैलती है. इस बीमारी से बचाव और नियंत्रण के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है, ताकि लोग इस घातक रोग से बच सकें. कालाजार का प्रसार मुख्य रूप से रेत मच्छरों द्वारा होता है, और इसके शुरुआती लक्षणों में बुखार, वजन में कमी, और भूख का न लगना शामिल होते हैं. यह बीमारी अगर समय रहते नहीं पकड़ी जाती, तो यह गंभीर रूप ले सकती है. इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग कई उपायों पर काम कर रहे हैं. इसी दिशा में सदर अस्पताल में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन ने की. इस बैठक का उद्देश्य कालाजार के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना और इस रोग के नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाना था. जानकारी की कमी और लापरवाही के कारण इसके प्रसार में बढ़ोतरी हो रही है.
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