सुबह चार बजे खुला गर्भ, दिनभर होती रही पूजा-अर्चना
जिले में सावन महीने की तीसरी सोमवारी पर भूतनाथ गौशाला मंदिर में शिव भक्तों का तांता लगा रहा. सुबह से ही मंदिर परिसर में ””हर-हर महादेव”” और ””बोल बम”” के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया था. कांवरियों ने बेलवा स्थित डोंक नदी से जल भरकर लगभग 15 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर भूतनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया. श्रावणी मेले के इस पावन अवसर पर मंदिर को फूल-मालाओं से आकर्षक रूप से सजाया गया था. इससे भक्तों का उत्साह और बढ़ गया. सुबह 4 बजे मंदिर का खुला गर्भगृह सुबह 4 बजे मंदिर का गर्भगृह खुला. इसके बाद कांवरियों और भक्तों ने गंगा जल, दूध, शहद और बेलपत्र अर्पित कर भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की. कांवरिया सेवा समिति ने आयोजित श्रावणी मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए थे. वहीं ढेकसरा शिव मंदिर में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया. मंदिर परिसर में भजनों की स्वरलहरियों ने भक्ति का माहौल और गाढ़ा कर दिया. वहीं मंदिर परिसर में भजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
कांवरिया पथ पर लगाए गए शिविर
कांवरिया पथ पर जगह-जगह शिविर लगाए गए. इन शिविरों पर भक्तों को फल, शरबत और पानी उपलब्ध कराया गया. रामदेव यादव नामक एक श्रद्धालु ने कहा कि यह यात्रा हमारी आस्था का प्रतीक है. बाबा भूतनाथ के दर्शन और जलाभिषेक से मन को शांति मिलती है. सावन की तीसरी सोमवारी पर भूतनाथ गौशाला मंदिर में भक्तों की भीड़ और भक्ति का यह नजारा किशनगंज में आस्था की अनूठी मिशाल बन गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है