क्यों खास होता है यह कोच
एलएचबी कोचों में एंटी-टेलीस्कोपिक डिजाइन होता है. इससे दुर्घटना की स्थिति में एक कोच दूसरे के अंदर नहीं घुसता. इससे जानमाल का नुकसान कम होता है. इन कोचों में हाइड्रोलिक सस्पेंशन सिस्टम लगा होता है, जिससे सफर अधिक आरामदायक बनता है. इसके अलावा, बायो-टॉयलेट, बेहतर वेंटिलेशन, इमरजेंसी विंडो जैसी आधुनिक सुविधाएं भी इन कोचों में शामिल हैं.
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अन्य कोच से कितना अलग होता है
LHB कोच ICF कोच की तुलना में हल्के होते हैं. इससे ट्रेन की रफ्तार और ईंधन दक्षता में वृद्धि होती है. इन्हें अधिकतम 160 किमी/घंटा तक की गति से चलाया जा सकता है. इन्हीं विशेषताओं के कारण राजधानी, शताब्दी, वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनों में LHB कोचों का उपयोग किया जा रहा है.
LHB कोचों की डिजाइनिंग जर्मनी की लिंक हॉफमैन बुश कंपनी ने की थी और भारत में इनका निर्माण पंजाब के कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री में किया जाता है. आमतौर पर इन कोचों को उनके लाल रंग से पहचाना जाता है, जबकि पारंपरिक ICF कोच नीले रंग के होते हैं.
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यात्रियों को होगी सहूलियत
इस नई पहल से न केवल यात्रियों को एक बेहतर यात्रा अनुभव मिलेगा, बल्कि भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण के मिशन को भी मजबूती मिलेगी. यह बदलाव विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए राहतकारी होगा जो लंबी दूरी की प्रीमियम ट्रेन यात्राओं में सुरक्षा और आराम देता है.
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