Home बिहार किशनगंज आयुक्त ने अधिकारियों के साथ की उच्च स्तरीय बैठक, जिले में सुरक्षा व्यवस्था व संचालित योजनाओं के समुचित क्रियान्वण को ले दिये कई निर्देश

आयुक्त ने अधिकारियों के साथ की उच्च स्तरीय बैठक, जिले में सुरक्षा व्यवस्था व संचालित योजनाओं के समुचित क्रियान्वण को ले दिये कई निर्देश

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आयुक्त ने अधिकारियों के साथ की उच्च स्तरीय बैठक, जिले में सुरक्षा व्यवस्था व संचालित योजनाओं के समुचित क्रियान्वण को ले दिये कई निर्देश

किशनगंज.पूर्णिया प्रमंडल के आयुक्त राजेश कुमार की अध्यक्षता में महानंदा सभागार समाहरणालय किशनगंज में सुरक्षा व्यवस्था एवं बाढ़/आपदा की पूर्व तैयारी तथा सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों और जनकल्याणकारी एवं विकासात्मक योजनाओं की अद्यतन कार्य प्रगति तथा उपलब्धि को लेकर संबंधित पदाधिकारी के साथ उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया. आयुक्त द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर कई महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिये गये.

आयुक्त ने सीमावर्ती बॉर्डर पर गहन निगरानी, चेक पोस्टों पर आने जाने वाले वाहनों एवं संदिग्ध व्यक्तियों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि विस्थापित परिवारों के लिए शीघ्र करें पुनर्वास की व्यवस्था, डॉ० आंबेडकर समग्र सेवा अभियान का सुचारू रूप से करें आयोजन, डॉ अम्बेडकर समग्र सेवा अभियान के तहत विशेष विकास शिविर के पूर्व प्राप्त आवेदनों तथा शिविर में प्राप्त आवेदनों का ऑनस्पॉट करें निष्पादन.

बैठक में पुलिस अधीक्षक सागर कुमार, डीडीसी स्पर्श गुप्ता, आयुक्त के सचिव, उपनिदेशक जनसंपर्क क्षेत्र पूर्णिया प्रमंडल पूर्णिया, कुंदन कुमार सिंह, जनसंपर्क पदाधिकारी, किशनगंज , आपदा प्रबंधन पदाधिकारी आदित्य कुमार सहित अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे. बैठक में सर्वप्रथम संभावित बाढ़ क्षेत्र में नाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने एवं उसका रेट निर्धारण करने के संबंध में निर्देश जारी किए गए. आयुक्त ने स्पष्ट रूप से कहा कि नाव संचालन की व्यवस्था सुचारु एवं पारदर्शी ढंग से की जाए, जिससे आमजन को सुविधा हो और किसी प्रकार की असुविधा या अधिक शुल्क न लगे. इसके अतिरिक्त, बांध क्षेत्र की सुरक्षा एवं निगरानी को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया गया है. आयुक्त ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक बुनियादी ढांचा जैसे बाढ़ आश्रय स्थल, पशु चारा, पशु दवा, पेयजल, अस्थाई शौचालय मानव रक्षित दवा की उपलब्धता, संचार सुविधा, प्रकाश व्यवस्था आदि की समुचित व्यवस्था पहले ही तैयारी करने का निर्देश दिया गया. आयुक्त द्वारा जल्द ही नाव संचालन के रेट निर्धारण की अधिसूचना जारी की करने का निर्देश दिया गया. यह कदम जनहित एवं सुरक्षा की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. बैठक में जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार, पटना के माध्यम से उपलब्ध राज्य आपदा मोचन कोष एवं राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष से आपदाओं में मृत व्यक्तियों के आश्रितों को 4 लाख प्रति आश्रित की दर से अनुग्रह अनुदान की राशि प्रदान की गई है. जिले में अब तक कुल 54 परिवारों को अलग-अलग मामलों में अनुदान वितरित किया गया जो डूबने से मृत्यु 36 मामलों में पूर्ण भुगतान किया गया है. कोई लंबित मामला नहीं है. इसी तरह गृह क्षति 14 मामलों में पूर्ण भुगतान किया गया है. कोई लंबित मामला नहीं है. पशु क्षति 2 मामलों में पूर्ण भुगतान, कोई लंबित मामला नहीं है. वज्रपात से पशु क्षति 2 मामलों में पूर्ण भुगतान कर दिया गया है कोई मामला लंबित नहीं है. बाढ़ राहत वितरण वर्ष 2024 की समीक्षा के क्रम में आपदा प्रबंधन पदाधिकारी ने बताया कि वर्ष 2024 में बाढ़ प्रभावित कुल 2,756 परिवारों को सात हजार प्रति परिवार की दर से कुल 1,92,92,000/- की राहत राशि पीएफएमएस के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की गई है. बाढ़ से क्षतिग्रस्त मकानों का मुआवजा की समीक्षा के क्रम में आपदा प्रबंधन पदाधिकारी ने बताया कि बाढ़ के कारण वर्ष 2024 में 18 पक्के मकान तथा 173 झोपड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं. संबंधित अंचलों द्वारा अभिलेखों की स्वीकृति के उपरांत राहत राशि स्वीकृत कर दी गई है तथा भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ है. संबंधित अंचलों को आवश्यक राशि उपवंटित कर दी गई है.

सिविल डिफेंस तथा आपदा प्रबंधन हेतु निर्देश

आयुक्त द्वारा सिविल डिफेंस एक्ट, 1968 के तहत आपदा प्रबंधन कार्यों को सुदृढ़ बनाने हेतु कई आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है. शहर के 5 स्थानों एवं प्रत्येक प्रखंड मुख्यालय पर सायरन लगाए जाएंगे. सायरन व अन्य उपकरणों की खरीद विभाग द्वारा सूचीबद्ध कंपनियों से की जाएगी तथा सायरन/हूटर की खरीद हेतु समिति के माध्यम से प्रक्रिया सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया. अस्पतालों में आपदा चेतावनी हेतु सायरन व आपात सामग्रियों की व्यवस्था समय पर करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया गया है. सिविल डिफेंस की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि जिले में 291 प्रशिक्षित आपदा मित्र वर्तमान में सक्रिय हैं. एनसीसी स्काउट आदि संगठनों के माध्यम से सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया. बीडीओ, सीओ, थाना अध्यक्ष, वार्ड सदस्य आदि को सिविल डिफेंस टीम में शामिल करने का निर्देश दिया गया. चयनित वॉलंटियर्स का सत्यापन पूरी पारदर्शिता के साथ करने का निर्देश दिया गया. सिविल डिफेंस के वॉलंटियर्स के लिए अलग-अलग संगठनों के साथ बैठक कर प्रशिक्षण की रूपरेखा तैयार करने का निर्देश दिया गया. आयुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि आपदा से पूर्व सभी तैयारियां समय पर पूर्ण कर ली जाए. आपदा की स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए विभागीय समन्वय एवं संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. इसके अतिरिक्त, बांध क्षेत्र की सुरक्षा एवं निगरानी को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया गया है. आयुक्त ने संबंधित विभागों को आवश्यक बुनियादी ढांचा जैसे अस्थायी निवास, संचार सुविधा, प्रकाश व्यवस्था आदि की समुचित व्यवस्था करने का आदेश भी दिया, ताकि चौकीदारों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में कोई कठिनाई न हो. प्रशासन द्वारा जल्द ही नाव संचालन के रेट निर्धारण की अधिसूचना जारी की जाएगी. यह कदम जनहित एवं सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

बैठक में जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार, पटना के माध्यम से उपलब्ध राज्य आपदा मोचन कोष एवं राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष से निम्नलिखित आपदाओं में मृत व्यक्तियों के आश्रितों को चार लाख 0/- प्रति आश्रित की दर से अनुग्रह अनुदान की राशि प्रदान की गई है. जिले में अब तक कुल 54 परिवारों को अलग अलग मामलों में अनुदान वितरित किया गया जो निम्नवत् है:

-डूबने से मृत्यु – 36 मामलों में पूर्ण भुगतान, कोई लंबित मामला नहीं

-गृह क्षति – 14 मामलों में पूर्ण भुगतान, कोई लंबित मामला नहीं

-पशु क्षति – 2 मामलों में पूर्ण भुगतान, कोई लंबित मामला नहीं

-वज्रपात से पशु क्षति – 2 मामलों में पूर्ण भुगतान, कोई लंबित मामला नहीं

बाढ़ से क्षतिग्रस्त मकानों का मुआवजा की समीक्षा के क्रम में आपदा प्रबंधन पदाधिकारी ने बताया कि बाढ़ के कारण वर्ष 2024 में 18 पक्के मकान तथा 173 झोपड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं. संबंधित अंचलों द्वारा अभिलेखों की स्वीकृति के उपरांत राहत राशि स्वीकृत कर दी गई है तथा भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ है. संबंधित अंचलों को आवश्यक राशि उपवंटित कर दी गई है.

सिविल डिफेंस तथा आपदा प्रबंधन हेतु निर्देशआयुक्त द्वारा शिविल डिफेंस एक्ट, 1968 के तहत आपदा प्रबंधन कार्यों को सुदृढ़ बनाने हेतु निम्न निर्देश दिए गए.

-शहर के 5 स्थानों एवं प्रत्येक प्रखंड मुख्यालय पर सायरन लगाए जाएंगे.

-सायरन व अन्य उपकरणों की खरीद विभाग द्वारा सूचीबद्ध कंपनियों से की जाएगी तथा सायरन/हूटर की खरीद हेतु समिति के माध्यम से प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी.

-अस्पतालों में आपदा चेतावनी हेतु सायरन व आपात सामग्रियों की व्यवस्था की जाएगी.B

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