ठाकुरगंज. चुनाव आयोग की मुहिम और राजनीतिक दलों की ओर से की गई अपील के बावजूद किशनगंज लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में मतदाताओं ने अधिक उत्साह नहीं दिखाया. पिछली बार की तुलना में इस बार मतदान प्रतिशत गिरने के निहितार्थ तलाशे जाने लगे हैं. अलग-अलग दलों के प्रत्याशी इसे अपने पक्ष में बताने के तर्क खोज रहे हैं, लेकिन आंकड़ों के विश्लेषण से कम मतदान के कारण नतीजों का कोई पैटर्न नहीं दिखता है. 2019 में हुए चुनाव में किशनगंज लोकसभा सीट पर 66.38 फीसदी वोट पड़े थे, जबकि इस बार यह आंकड़ा घट कर 63 .55 प्रतिशत रह गया है. हालांकि इलाके के जानकार इस मामले में अलग-अलग कारण बता रहे है . कुछ इलाके से बड़ी संख्या में कामकाज के सिलसिले में पलायन को विवश स्थानीय की गैरमौजूदगी को कारण मानते हैं तो एक बड़ा कारण मतदाता सूची से बड़ी संख्या में लोगों का नाम कट जाना भी कारण हो सकता है. केवल ठाकुरगंज नगर की बात करें तो लगभग 200 से ज्यादा मतदाता मतदान केंद्रों से मतदाता वापस केवल इस कारण लौटे कि उनका नाम मतदाता सूची से विलोपित था. यह हालात लगभग हर बूथों पर रही.
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