पोठिया. कुपोषण उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे प्रयासों में डॉ कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज ने शुक्रवार को अपने अंगीकृत गांव गनियाबाड़ी में जागरूकता सह बीज वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम का उद्देश्य पोषण संवेदनशील कृषि के बारे में जागरूकता बढ़ाना और ग्रामीण कुपोषण के स्थायी समाधान के रूप में सब्जी की खेती को बढ़ावा देना था. सराहनीय कदम के तहत, पालक, भिंडी, लौकी, कद्दू और चौलाई सहित विभिन्न प्रकार की सब्जियों के बीज ग्रामीणों को नि:शुल्क दिये गए. कार्यक्रम में स्थानीय किसानों, ग्रामीण महिलाओं व युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. संतुलित आहार के महत्व और पोषण सेवन में सुधार करने में घर में उगाई जाने वाली सब्जियों की भूमिका के बारे में ग्रामीणों को शिक्षित करने के लिए तकनीकी सत्र आयोजित किए गये. इस दौरान बीज बोने की तकनीक, मौसमी फसल योजना और पर्यावरण के अनुकूल खेती के तरीकों पर व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान किया. इस अवसर पर डॉ सत्यनारायण, एसोसिएट डीन व प्रिंसिपल ने कहा कि पोषण सुरक्षा जमीनी स्तर से शुरू होती है. पोषक-वाटिका और सब्जी की खेती को प्रोत्साहित कर, हम ग्रामीण परिवारों को अपने स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेने के लिए सशक्त बनाते हैं. यह पहल ग्रामीण विकास और सामुदायिक सशक्तिकरण के लिए कॉलेज की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो क्षेत्र में दीर्घकालिक खाद्य और पोषण सुरक्षा प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. मौके पर डॉ कलाम कृषि महाविद्यालय के समर्पित संकाय सदस्यों की एक टीम, जिसमें डॉ केविन, डॉ कृष्णा और डॉ शफी अफरोज, डॉ नीतू नंद व डॉ अंजली सुधाकर शामिल थे.
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