स्थानीय विधायक को व प्रशासन को आवेदन देने के बाद भी नहीं हुआ सुधार लो वोल्टेज की समस्या से नोनिहालों को पढ़ाई हो रही है बाधित पौआखाली: नीतीश सरकार के विकास मॉडल को मुंह चिढ़ाता हुआ पौआखाली नगर पंचायत के वार्ड संख्या तीन स्थित दक्षिण मीरभीट्ठा स्कूल टोला का यह गांव आज भी बांस बल्लों के सहारे बिजली पाने को विवश है. बिजली विभाग की ओर से नये ढंग के पोल लग रहे है. बिजली की आधुनिक सुविधा की सरकार दावे कर रही है. लाभुकों को 125 युनिट बिजली मुफ्त देने का वादा कर रही है वहीं दूसरी ओर बांस के सहारे बिजली गांव तक पहुंच रहा है इससे खतरे का डर भी बना रहता है कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने इस बात की जानकारी देते हुये बताया कि यहां कि दयनीय हालत होने के बाद प्रशासन को आवेदन दिया गया, लेकिन आजतक कोई पहल नहीं किया गया. कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि विभाग लाभुकों के प्रति उदासीन है. बिहार में कई जगह नये पोल लगे बिजली की स्थिति में संतोषजनक सुधार हुआ पर इसका असर मेरे गांव में नहीं दिख रहा है. उपभोक्ताओं का कहना है कि हमारा गांव ठाकुरगंज और दिघलबैंक की सीमा पर स्थित है और गांव का पावर ट्रांसफार्मर ताराबाड़ी चौक के समीप लगा है. पूरा गांव तकरीबन चार पांच वर्षो से लगातार लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहा है. जिस कारण रात में बल्ब जलने के बाद भी अंधेरा ही रहता है. नोनिहालों की पढाई बाधित होती है, महिलाओं को भोजन पकाने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. उमस भरी गर्मी में बिजली रहने के बाद भी राहत नहीं मिला पाता है और रातभर बड़ो के साथ बच्चे भी जगे रह जाते है. जिस वजह से दिन में नींद ना पूरा हो पाने से काम बाधित होता है. बिजली की समस्या से स्कूल में बच्चों की पढ़ाई भी बाधित होती है. मिस्त्री को बुलाने पर समय पर आते भी नहीं साथ ही पैसे की मांग करते हैं. इस मामले में नगर पंचायत के उपमुख्य पार्षद प्रतिनिधि अबूनसर आलम और पूर्व वार्ड पार्षद नूर आलम ने कहा है कि लंबे समय से गांव में बिजली संकट को दूर करने के लिए विभाग के साथ साथ क्षेत्रीय विधायक तक को लिखित आवेदन दिया गया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है . कहा कि विभाग सौतेला व्यवहार कर रही है. जल्द ही विभाग ध्यान नहीं देगी तो पावर हाउस स्थित कार्यालय के बाहर धरना दिया जाएगा.
संबंधित खबर
और खबरें