– राष्ट्रीय मत्स्य दिवस पर अर्राबाड़ी मात्स्यिकी महाविद्यालय में लगा मेला प्रतिनिधि, पहाड़कट्टा। पोठिया प्रखंड के मात्स्यिकी महाविद्यालय अर्राबारी में गुरुवार को राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस के अवसर पर मत्स्य मेला-2025 का आयोजन किया गया. मेला में मुख्य रूप से स्वस्थ राष्ट्र के लिए स्वस्थ मछली के उपयोग पर जानकारी दी गयी. यह मेला राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड हैदराबाद द्वारा प्रायोजित किया गया था. मेला के संरक्षक सह कुलपति डॉ इंद्रजीत सिंह एवं संयोजक सह डीन डॉ वीपी सैनी ने दीप प्रज्जवलित कर मेले का उद्घाटन किया. डीन डॉ वीपी सैनी ने बताया कि भारत में राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस सर्वप्रथम 10 जुलाई 1957 को दो वैज्ञानिकों डॉ हीरालाल चौधरी और डॉ एचके अलीकुन्ही द्वारा मछली के सफल कैप्टिव प्रेरित प्रजनन की याद में मनाया था. तब से हर वर्ष 10 जुलाई को राष्ट्रीय मत्स्य दिवस मनाया जा रहा है. इस विकास ने जलीय कृषि में क्रांति ला दी, जिससे भारत में नीली क्रांति आई. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सह कुलपति डॉ इंद्रजीत सिंह, डॉ अनूप दास निदेशक आईसी एआर-आरसीईआर पटना विशिष्ठ अतिथि के रूप में शामिल हुए. डॉ असीम कुमार बोरा प्रभारी अधिकारी, एनएफडीबी, क्षेत्रीय केंद्र गुवाहाटी, डॉ विवेकानंद भारती वैज्ञानिक, आईसी एआर-आरसीईआर, पटना, डॉ सुधीर कुमार सिंह प्रमुख, केवीके, जमुई ने भी इस कार्यक्रम की शोभा बढाई. मेले में किसान वैज्ञानिक संवाद, उद्योग-शैक्षणिक संगोष्ठी, छात्रों द्वारा स्टार्ट-अप प्रतियोगिता, मत्स्य खाद्य प्रदर्शनी, स्कूली छात्रों का भ्रमण, प्रदर्शनियां, सजावटी मछली प्रदर्शन एवं बिक्री इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. मेला में किसान, सहकारी समितियां, गैर सरकारी संगठन, केवीके, आईसीएआर संस्थान, मत्स्य पालन विभाग, स्कूल और कॉलेज के छात्र, उद्योग जगत के लोग, उपभोक्ता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नागरिक मत्स्य मेला 2025 में शामिल हुए. कार्यक्रम में देश और प्रदेश के प्रसिद्ध मत्स्य विशेषज्ञों ने भाग लिया. राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस पर डॉ मनोज शर्मा, निदेशक मयंक एक्वाकल्चर प्राइवेट लिमिटेड गुजरात, अमित टंडन, सहायक उपाध्यक्ष बिक्री और विपणन ग्रोवेल फीड्स प्राइवेट लिमिटेड आंध्र प्रदेश, डॉ देब तनु बर्मन, संस्थापक और सीईओ एक्वा डॉक्टर सॉल्यूशन, कोलकाता, प्रकाश रंजन वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक, एबिस एक्सपोर्ट्स छत्तीसगढ़ उद्योग अकादमिक सम्मेलन में मुख्य वक्ता थे.
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