किशनगंज. बाबा धाम के रास्ते में बांका जिला के कटोरिया स्थित कुरावा गांव में बने किशनगंज सेवा सदन में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रावणी सेवा शिविर का भव्य उद्घाटन शुक्रवार को हुआ. रजत जयंती कांवरिया सेवा प्रकल्प का भव्य उद्घाटन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप कुमार जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय सिंहा, भूमि एवं राजस्व मंत्री संजय सरावगी, प्रख्यात कथावाचक धर्मेश जी महाराज ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर एवं फीता काटकर उद्घाटन किया. मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने हर हर महादेव के जयकारे लगाकर कहा कि कांवरियों की सेवा बड़ी सेवा है. जिस पर महादेव की कृपा होती है वह सबसे सुखी मनुष्य है. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी बोल बम का जयकारा लगाया और कहा कि किशनगंज सेवा सदन में बेहतर सेवा का कार्य होता है इसके लिए आयोजन एवं एवं सहयोग करने वाले सभी दानदाता धन्यवाद के पात्र हैं. सरकार तो अपना काम करती ही है साथ ही बिना दानदाता के सहयोग से इतना बड़ा सेवा का कार्य नहीं हो सकता है. सभी दानदाता पर भगवान की कृपा बनी रहे और इसी तरह इस सेवा कार्य में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते रहें. कथावाचक धर्मेश जी महाराज ने कहा कि कांवरियों की सेवा कर जीवन धन्य हो जाता है. जब भगवान के भक्तों का सेवा करने का अवसर मिलता है. उन्होंने भी किशनगंज सेवा सदन के सेवा कार्यों की सहाना की. उद्घाटन अवसर पर किशनगंज सेवा सदन के अध्यक्ष हनुमान श्रीमाल ने कांवरियों को दी जा रही सेवा के बारे में विस्तार से चर्चा की और कहा कि इस बार सेवा शिविर का 25 वां साल है. छोटे रूप में शुरू किया गया सेवा कार्य आज विस्तार रूप ले चुका है. उन्होंने सभी सहयोगियों एवं दाताओं का भी आभार व्यक्त किया. इस अवसर पर बाल संस्कार के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की भी प्रस्तुति दी गयी. जिसे सभी लोगों ने सराहा और प्रोत्साहन राशि भी दी. मौके पर एमजीएम मेडिकल कॉलेज के सचिव जुगल किशोर तोषनीवाल, ट्रस्टी गौरी शंकर अग्रवाल, सेवा सदन के अध्यक्ष हनुमान श्रीमाल, सचिव शीत प्रसाद, कोषाध्यक्ष दिनेश अग्रवाल, मिडिया प्रभारी त्रिभुवन दुबे, मुकेश साहा, प्रदीप गुप्ता, विनोद साहा, चंद्र भूषण सहित बड़ी संख्या में किशनगंज के लोग एवं भक्तगण मौजूद थे. कहा कि यहां सेवा के साथ बाल संस्कार केंद्र एवं सिलाई प्रशिक्षण केंद्र भी चलाया जा रहा है जहां बच्चे शिक्षित हो रहे हैं और महिलाएं सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन रही है.
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