ठाकुरगंज.
बंगाल बॉर्डर से पानीटंकी तक हुई मरम्मत
काफी व्यस्त है यह सड़क बताते चले एनएच 327-ई के चौड़ीकरण के बाद आज के दिन यह सड़क काफी व्यस्त सड़कों में शुमार हो गया है. पूर्वोतर से दिल्ली या पश्चिम भारत या उतर भारत जाने वाले वाहन का परिवहन इसी सड़क के माध्यम से होता है. सड़क का अच्छा होना और दूरी कम होने के कारण इस सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही बढ़ गई है.
सामरिक महत्व को नजरअंदाज कर रहा विभाग
बताते चले किशनगंज जिले के बिहार-बंगाल सीमा गलगलिया से होते हुए सिलीगुड़ी, बागडोगरा एयरपोर्ट, एशियन हाईवे 2 सहित पूर्वोत्तर भारत को जोड़ने वाली बंगाल के दार्जिलिंग जिले के प्रक्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग 31सी सड़क की जर्जर स्थिति ने इन दिनों लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. खासकर बिहार बॉर्डर से सटे जैसे ही बिहार की सीमा समाप्त होती हैं बंगाल सीमा पर 100 मीटर दायरे पर इस मार्ग की हालत इतनी खराब हो गई है कि यहां से गुजरना एक चुनौती बन चुका है. इस मार्ग पर सड़क की स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि आए दिन वाहन फंस जाते हैं, जिससे न केवल यात्रियों को असुविधा होती है, बल्कि यातायात भी बुरी तरह प्रभावित होता है. भारी वाहनों से लेकर छोटे वाहनों तक सभी को इस मार्ग पर चलना किसी जोखिम से कम नहीं है. सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं, जिनमें पानी भर जाने से दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है. स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि यह पहचानना भी मुश्किल हो जाता है कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क. इन दिनों यह मार्ग काफी व्यस्त मार्ग बन चुका है. प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में वाहन गुजरते हैं, जो नॉर्थ ईस्ट भारत और नेपाल सीमा की ओर जाते हैं. यह मार्ग न केवल स्थानीय आवागमन के लिए अहम है, बल्कि व्यापारिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है. सड़क की दुर्दशा ने न केवल आम लोगों को प्रभावित किया है, बल्कि व्यापारियों और मालवाहकों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है