पौआखाली. मक्का के सीजन में ग्रामीण सड़कों पर मक्के के दानों को सुखाने का सिलसिला शुरू हो चुका है. इसके साथ ही सड़क हादसों में बढ़ोतरी की संभावना भी बढ़ गयी है. एक वर्षों में इस कारण कई सड़क दुर्घटनाओं के राहगीर शिकार हो चुके हैं. दरअसल, किशनगंज जिले में अब मक्का फसल की काफी खेती होने लगी है. छोटे मझौले किसान जिनके पास मक्का सुखाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं होती है वैसे किसान अपने गांव मुहल्ले से होकर गुजरने वाली ग्रामीण सड़कों पर ही मक्के के दानों को सुखाते हैं. मक्का सुखाने के दौरान आधी से अधिक सड़क को अतिक्रमित कर लिया जाता है सड़क पर मक्का सुरक्षित रहे जिसके लिए बांस या फिर बड़े बड़े पत्थरों की बैरिकेडिंग कर दी जाती है ताकि मक्के के दानों से होकर वाहन आदि गुजरने नही पाए. किंतु सड़क को अतिक्रमित कर लिए जाने से दो तीन और चार पहिया वाहन चालकों के सामने सुविधा जनक यातायात में मुसीबतें खड़ी हो जाया करती है. खासकर ग्रामीण सड़कों पर फर्राटा भरने वाले टीन एजर्स दुपहिया वाहन चालकों के लिए सड़क हादसे की शिकार की संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता है. मक्के के दानों पर फिसलन काफी होती है कभी कभी दुपहिया वाहन चालक मक्के के ऊपर से ही गति में वाहन दौड़ने के क्रम में हादसों के शिकार हो जाया करते हैं. हालांकि जिला प्रशासन समय-समय पर जन जागरूकता अभियान चलाकर किसानों से सड़क पर मक्का को सुखाने से मना किया जाता रहा है और कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी जाती रही है लेकिन इन चेतावनियों का फिलहाल कोई असर होता नहीं दिख रहा है.
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