ठाकुरगंज. नियोजित से विशिष्ट बने शिक्षकों की परेशानी कम नही हो रही है. सक्षमता परीक्षा देने के कई माह तक नियोजित शिक्षक पोस्टिंग का इंतजार करते रहे. जनवरी व मार्च माह में इन शिक्षकों की पोस्टिंग कर दी गय. दो माह तक प्राण जनरेट व एचआरएमएस ऑनबोर्डिंग के झमेले में शिक्षक उलझते रहे. अब वेतन निर्धारण के लिए शिक्षक परेशान हो रहे हैं. वेतन निर्धारण नहीं होने से सक्षमता परीक्षा उतीर्ण शिक्षक आर्थिक बोझ से जूझ रहे हैं. इस मामले में शिक्षक नेता चंद्रशेखर ने बताया कि सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण वैसे शिक्षक जो जनवरी और मार्च माह में विद्यालयों में विशिष्ट शिक्षक के रूप में योगदान कर चुके है. वैसे शिक्षकों के वेतन निर्धारण का कार्य अब तक जिले में शुरू नहीं हुआ है. निदेशक प्राथमिक शिक्षा के आदेश और जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा अप्रैल माह में वेतन निर्धारण का पत्र निर्गत करने के बाद भी वेतन निर्धारण लटका हुआ है. विशिष्ट शिक्षकों को प्रतिमाह 10 हजार से 13 हजार रुपये कम वेतन प्राप्त हो रहा है. एनपीएस कटौती में भी इसका खामियाजा शिक्षकों भुगतना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों से सक्षमता परीक्षा लेकर राज्यकर्मी तो बना दिया. मगर राज्यकर्मी के रूप में एक जनवरी 2025 को योगदान के पश्चात आज तक विशिष्ट शिक्षकों का पे-फिक्सेशन नहीं हो पाया है. सक्षमता परीक्षा देकर राज्यकर्मी बने शिक्षकों को नियोजित शिक्षकों की तुलना में प्रतिमाह 13 हजार रुपये कम वेतन भुगतान हो रहा है. राज्यकर्मी बनने के बाद से लगातार हर माह कम वेतन मिलने से विशिष्ट शिक्षकों में निराशा का भाव पैदा हो रहा है. विशिष्ट शिक्षक आर्थिक रूप से भी परेशानी झेल रहे हैं. सक्षमता परीक्षा देकर राज्यकर्मी बने छह माह होने को है. अभी तक अधिसूचना के आलोक में पे-फिक्सेशन का कार्य प्रारंभ नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है. दुःख तो इस बात का है कि सक्षमता परीक्षा देने के पूर्व जिस शिक्षकों का बेसिक पे 30 हजार था. सक्षमता परीक्षा देकर राज्यकर्मी बनने के बाद उन्हें वर्तमान में 25 हजार के बेसिक पे के आधार पर भुगतान किया जा रहा है. जबकि बिहार सरकार ने विशिष्ट शिक्षक नियमावली के गजट में स्पष्ट कर दिया है कि सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण विशिष्ट शिक्षक जो राज्यकर्मी बन चुके हैं. उन्हें पे प्रोटेक्शन के तहत पे-फिक्सेशन कर वेतन भुगतान किया जायेगा.
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