किशनगंज. सामाजिक कुप्रथा के विरुद्ध एक साहसिक और सराहनीय कदम उठाते हुए बहादुरगंज प्रखंड स्थित गांगी पंचायत में बुधवार को होने वाले एक नाबालिग बालिका का विवाह जन निर्माण केंद्र और जिला प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई से रोका गया. इस प्रयास से एक मासूम बालिका का जीवन समय रहते एक गलत दिशा में जाने से बच गया. दरअसल जन निर्माण केंद्र को स्थानीय स्रोतों से सूचना मिली थी कि गांव में एक 17 वर्षीय किशोरी का विवाह तय किया गया है. सूचना की पुष्टि होते ही संस्था के जिला समन्वयक मोहम्मद मुजाहिद आलम के नेतृत्व में टीम सक्रिय हुई. उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी सह बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी सह सहायक बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी और पुलिस प्रशासन के सहयोग से विवाह स्थल पर पहुंच कर स्थिति का जायज़ा लिया. मौके पर परिजनों से संवाद कर उन्हें बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 की कानूनी धाराओं और बाल विवाह से जुड़ी मानसिक, शारीरिक और सामाजिक हानियों के बारे में समझाया गया. परिवार ने बातों को गंभीरता से लेते हुए बालिका के विवाह को स्थगित करने का निर्णय लिया और लिखित रूप में इसका प्रमाण भी दिया. वही प्रखंड विकास पदाधिकारी सह सहायक बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी सुरेन्द्र तांती ने बताया कि किसी भी नाबालिक की शादी करवाना या करना या किसी तरह से सहायता प्रदान करना गैर जमानतीय कानूनी अपराध है. नाबालिक कि विवाह से शिक्षा के अधिकार, बच्चे के विकास, मानसिक शक्ति और समाज पर बुरा प्रभाव पड़ता है. यह बात समझाने के बाद परिजनो के लोग मान गए और विवाह को रोक दिया गया. उक्त टीम ने परिजनों से एक शपथ पत्र भरवाया जिसमें वह इकरार किया कि अपने बच्ची की विवाह 18 वर्ष पूरा होने के बाद ही करेंगे. उक्त टीम में संस्था के सामुदायिक सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद जफर अंजुम, सबीह अनवर, मोहम्मद जहांगीर आलम, एहतेशाम रेजा, पूजा कुमारी एवं स्थानीय मुखिया, प्रमुख, सरपंच,वार्ड सदस्य, पंचायत सचिव सहित पुलिस बल मौजूद थे.
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