ठाकुरगंज
ठेकेदार के भवन निर्माण कार्य को अधूरा छोड़ देने का परिणाम है कि एक ही स्कूल दो स्थानों पर संचालित हो रहा है. 11साल बीत जाने के बाद भी स्कूल निर्माण के लिये दान में मिली जमीन पर झोपड़ी बनाकर स्कूल चलाया जा रहा है. इसका खामियाजा सिर्फ नोनिहालों को झेलनी पड़ रही है. कुछ माह पहले अगर फंड मिला भी तो ठेकेदार नीवं तक काम करने के बाद से ही अधूरी निर्माण कार्य छोड़कर लापता है. इतना के बाद भी प्रशासन उदासीन बने हुये हैं.
स्कूल के शिक्षको ने बताया कि यहां बारिश होने पर क्लास रूम में पानी लग जाता है. सबसे ज्यादा दिक्कत मध्याह्न भोजन के संचालन में होती है, विद्यालय के प्रभारी प्रधान शिक्षक राहुल कुमार ने बताया की मध्याह्न भोजन निर्माणाधीन भवन के पास बनता है. जहां टिपिन के वक्त बच्चे आकार खाना खाते है. कक्षा 1 से 3 जहां चल रहा है वहां से आधे किमी, कक्षा चार और 5 की जहां पढ़ाई हो रही है वहां से दो किमी है. भोजन करने के लिये बच्चे को इतना दूर जाना अभिशाप बन गया है. इस वजह से बच्चे थक भी जाते है और समय भी बर्बाद होता है. इस परेशानी से बच्चों की पढाई भी बाधित हो रही है.
प्रशासन की उदासीनता
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