योग: तन, मन और आत्मा की एकता का मार्ग

आज की भागदौड़ भरी, तनावयुक्त और असंतुलित जीवनशैली में जहां आधुनिक सुविधाएं बढ़ रही हैं, वहीं मानसिक और शारीरिक समस्याओं की भरमार भी बढ़ती जा रही है. ऐसे समय में भारत की प्राचीन परंपरा योग, एक ऐसा समाधान बनकर सामने आया है, जो न केवल शरीर को सशक्त बनाता है,

By AWADHESH KUMAR | June 20, 2025 7:58 PM
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एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य की थीम पर जिले में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की भव्य तैयारीयोग दिवस के माध्यम से स्वस्थ जीवन की ओर जन जागरूकता का अभियान, जिले भर में आयोजित होंगे योग शिविर किशनगंज.आज की भागदौड़ भरी, तनावयुक्त और असंतुलित जीवनशैली में जहां आधुनिक सुविधाएं बढ़ रही हैं, वहीं मानसिक और शारीरिक समस्याओं की भरमार भी बढ़ती जा रही है. ऐसे समय में भारत की प्राचीन परंपरा योग, एक ऐसा समाधान बनकर सामने आया है, जो न केवल शरीर को सशक्त बनाता है, बल्कि मन को शांत करता है और आत्मा को स्थिरता देता है. इसी क्रम में इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 को एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य की वैश्विक थीम पर मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य समग्र कल्याण और प्राकृतिक संतुलन को बढ़ावा देना है. यह आयोजन इस बात का स्मरण कराता है कि मनुष्य और प्रकृति के बीच तालमेल बनाए रखना ही भविष्य का आधार है. इस थीम के तहत किशनगंज जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष योग शिविरों का आयोजन किया जाएगा.

योग को जीवन का हिस्सा बनाएं: सिविल सर्जन

योग: भारत की सांस्कृतिक पहचान से वैश्विक मंच तक

योग भारत की हजारों वर्षों पुरानी सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग है. यह परंपरा ऋषियों और मुनियों द्वारा विकसित की गई थी, जो आज संपूर्ण विश्व में अपनाई जा रही है. सिविल सर्जन ने बताया कि भारत के लिए यह गर्व का विषय है कि योग के माध्यम से हमारी संस्कृति और जीवनशैली ने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है. वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे 193 देशों के समर्थन से पारित किया गया. सिविल सर्जन डॉ. चौधरी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बाद लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता तो बढ़ी ही है, साथ ही योग ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. योग व्यक्ति को न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है, बल्कि मानसिक संतुलन बनाए रखने और तनाव से उबरने में भी मदद करता है. उन्होंने कहा कि योग आत्मा, मन और शरीर को जोड़ने वाला विज्ञान है. यह एक ऐसा साधन है जो हमें सतत विकास, सांस्कृतिक मूल्यों और मानवीय स्वास्थ्य की दिशा में आगे बढ़ाता है.उन्होंने बताया की जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 21 जून को योग शिविरों का आयोजन जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों सीएचसी,आयुष्मान आरोग्य मंदिर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में किया जाएगा. इन शिविरों में आमजन से लेकर सीएचओ, एएनएम, आशा कर्मी एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मियों तक की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी.

प्राणायाम के लाभ: श्वास की शक्ति से स्वास्थ्य रक्षा

जिलाधिकारी ने बताया कि अनुलोम-विलोम प्राणायाम से रक्त साफ होता है और ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है. कपाल भाति फेफड़ों को मजबूत करता है और सांस की बीमारियों से बचाता है. भ्रामरी प्राणायाम तनाव, अवसाद और गुस्से को दूर करता है. उन्होंने कहा कि ये अभ्यास शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक संतुलन बनाए रखने में भी बेहद उपयोगी हैं.

योग का विस्तृत प्रभाव: वैज्ञानिक दृष्टिकोण

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