KK Pathak News: क्या के के पाठक ने इस्तीफा दे दिया? पढ़िए छुट्टी के बीच सरकार को भेजे लेटर का क्या है सच..
बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के इस्तीफे की अफवाह चर्चे में रही. उन्होंने एक पत्र मुख्य सचिव समेत शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री के निजी सचिव और अन्य को भेजा है. के के पाठक ने अवकाश के दौरान पद का परित्याग किया है.
By ThakurShaktilochan Sandilya | January 11, 2024 3:21 PM
KK Pathak Resign news: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने अपने पद का परित्याग किया है. हालांकि उनके इस्तीफ की खबर चर्चे में है. के के पाठक ने खुद पद का प्रभार परित्यागने की पेशकश की है. उन्होंने अपना आवेदन सौंप दिया है. बता दें कि के के पाठक इन दिनों छुट्टी पर चल रहे हैं. के के पाठक ने 9 जनवरी को ही अपना ये आवेदन दिया था. उन्होंने खुद ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पद के प्रभार को परित्यागने की इच्छा जतायी है.
के के पाठक का एक पत्र सामने आया है. इन दिनों के के पाठक छुट्टी पर गए थे. उन्होंने अपने अवकाश की अवधि दो दिन और बढ़ा ली थी. 16 जनवरी तक वो अवकाश पर हैं. वहीं इस बीच वो मंगलवार को अचानक दफ्तर पहुंच गए थे. वहीं उसी दिन 9 जनवरी को ही उन्होंने पद के प्रभार का परित्याग दिया है. के के पाठक को लेकर पहले से कई तरह की चर्चा चल रही थी. उनके इस्तीफे की बात भी सुर्खियों में रही लेकिन इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हो रही थी. अब एक विभागीय पत्र सामने आया है जिसमें उन्होंने पद का प्रभार परित्यागने की इच्छा जतायी है. बता दें की सामान्य प्रशासन विभाग के अधिसूचना के आलोक में उन्होंने अपने पद का परित्याग किया है.
बता दें कि के के पाठक अवकाश पर गए तो शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने अपर मुख्य सचिव का प्रभार थामा है. उन्होंने प्रभार संभालते ही बैठक भी की थी. जबकि कुलपतियों और रजिस्ट्रार के साथ भी हाल में उन्होंने बैठक की. इसके बाद के के पाठक द्वारा इस्तीफा दिए जाने की बात को लेकर तरह-तरह के कयास जरूर लगाए जा रहे हैं. बता दें कि स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर के के पाठक ने छुट्टी ली थी.
के के पाठक ने जब शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव के पद की कमान संभाली तो उन्होंने विभाग की व्यवस्था में सुधार के लिए कई अहम फैसले लिए. खासकर बिहार के सरकारी स्कूलों की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए उन्होंने कई सख्त निर्देश दिए. के के पाठक खुद स्कूलों का निरीक्षण करते रहे. उनके दौरे की जानकारी मात्र से ही जिले में हड़कंप मचा रहता था. शिक्षा विभाग के कर्मी व अधिकारी समेत स्कूलों में हेडमास्टर व टीचर अलर्ट रहते थे. बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति को उन्होंने बेहद गंभीरता से लिया. स्कूलों में लापरवाही सामने आने पर वो सख्त कार्रवाई ऑन स्पॉट करते रहे. कई हेडमास्टर, टीचर, व अधिकारियों पर इस दौरान गाज गिरी. इस कार्यकाल में के के पाठक अपने कई फैसलों को लेकर विवाद में भी घिरे. शिक्षा मंत्री से भी उनकी खटर-पटर हुई. के के पाठक के इस्तीफे को लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चा तेज है.
मुख्य सचिव आमीर सुबहानी ने कहा कि अपर मुख्य सचिव केके पाठक अर्जित अवकाश पर गये है. अर्जित अवकाश मे जो अधिकारी जाते है, इस तरह के आवेदन देकर जाते है. जब वह लौट कर आयेंगे, तो शिक्षा विभाग में योगदान करेगे. गौरतलब है कि 13 जनवरी को राज्य सरकार दूसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में चयनितों को नियुक्ति पत्र देने जा रही है. इधर, गुरुवार को दिन भर केके पाठक का एक पत्र वायरल रहा, जिसमें उनके प्रभार का परित्याग की बात कही गयी.