दो चरणों में हुई 2 लाख शिक्षकों की नियुक्ति
केके पाठक की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा दो चरणों (टीआरई 1 और टीआरई 2) में बड़ी संख्या में लगभग 2 लाख शिक्षकों की नियुक्ति की गई है. इनमें से करीब 35 हजार ऐसे शिक्षक हैं जो पहले नियोजित शिक्षक थे. इन नियोजित शिक्षकों के बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में चयनित होने के कारण कई जिलों के विद्यालयों में रिक्तियां निकल गयी हैं.
शहरी क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की कमी
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि बीपीएससी के दोनों चरणों में चयनित शिक्षकों की पोस्टिंग केवल ग्रामीण इलाकों में ही की गई है, शहरी इलाकों में नहीं. शहरी क्षेत्र में कई ऐसे विद्यालय हैं जहां बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा नियोजित शिक्षकों का चयन किये जाने के बाद शिक्षकों की कमी हो गयी है.
रिक्तियों के बारे में केके पाठक ने मांगी जानकारी
केके पाठक ने सभी डीएम को अपने जिले के शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता का आकलन कर शहरी क्षेत्रों में रिक्तियों के बारे में शिक्षा विभाग को सूचित करने को कहा है. आकलन करते समय स्कूलों में छात्रों के नामांकन को भी ध्यान रखने को कहा गया है. साथ ही यह भी कहा गया कि माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रत्येक विषय का शिक्षक विद्यालय में उपलब्ध हो चाहे बच्चों के नामांकन की संख्या कितनी भी हो.
Also Read: नियोजित शिक्षकों के लिए केके पाठक का आदेश, सक्षमता परीक्षा देना अनिवार्य, फेल होने पर जाएगी नौकरी
29 फरवरी तक मांगी जानकारी
केके पाठक ने आगे कहा कि नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा का पहला चरण 26 फरवरी 2024 से शुरू हो रहा है. इसी क्रम में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि इस सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले शिक्षकों को मेरिट सूची के आधार पर ही शहरी क्षेत्रों में पदस्थापित किया जाएगा. उन्होंने सभी डीएम से शहरी क्षेत्रों के विद्यालयों में शिक्षकों से संबंधित रेशनलाइजेशन प्रस्ताव अनिवार्य तौर पर 29 फरवरी तक विभाग को उपलब्ध कराने को कहा है.
Also Read: बिहार के नियोजित शिक्षकों को केके पाठक की चेतावनी, सक्षमता परीक्षा का विरोध किया तो होगी कार्रवाई