योग्य मतदाता सूची से नहीं रहें वंचित, अयोग्य मतदाता सूची से हों बाहर: डीएम

सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के अध्यक्ष/सचिव, निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी तथा सहायक निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी के साथ विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 कार्यक्रम से संबंधित बैठक का आयोजन किया गया.

By Rajeev Murarai Sinha Sinha | June 25, 2025 7:31 PM
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विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 कार्यक्रम लेकर राजनीतिक दलों के साथ डीएम ने की बैठक लखीसराय. समाहरणालय लखीसराय स्थित मंत्रणा कक्ष में बुधवार को जिला निर्वाचन पदाधिकारी -सह-जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्र की अध्यक्षता में सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के अध्यक्ष/सचिव, निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी तथा सहायक निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी के साथ विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 कार्यक्रम से संबंधित बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में डीएम श्री मिश्र ने कहा कि सभी दलों के प्रतिनिधियों से सहयोग अपेक्षित हैं कि योग्य मतदाता सूची से वंचित न रहे, अयोग्य मतदाता मतदाता सूची में न रहे. इसके लिए मतदाता सूची को शुद्ध करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग का निर्देश है कि किसी भी बीएलओ को ट्रांसफर नहीं करना है, सभी बीएलओ सक्रिय रहेंगे और निर्वाचन का कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार बिहार राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण कराये जाने का निर्देश दिया गया है. यह पुनरीक्षण आयोग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों और समय-सारिणी के अनुसार आयोजित किया जायेगा. इस गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में सम्मिलित हों ताकि वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें, कोई भी अपात्र व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो और मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहे. उप निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि बिहार में पिछला गहन पुनरीक्षण वर्ष 2003 में किया गया था. वर्तमान में तेजी से हो रहे शहरीकरण, लगातार होने वाला प्रवासन, नये युवाओं का 18 वर्ष की आयु पूरी कर मतदाता बनने की पात्रता प्राप्त करना, मृत्यु की जानकारी का समय पर न मिलना तथा अवैध विदेशी नागरिकों के नाम सूची में दर्ज हो जाना जैसी स्थितियों के कारण यह गहन पुनरीक्षण आवश्यक हो गया है. ताकि त्रुटिरहित और विश्वसनीय मतदाता सूची तैयार की जा सके. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के तहत बीएलओ घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे. यदि किसी राजनीतिक दल अथवा मतदाता द्वारा कोई दावा या आपत्ति दर्ज की जाती है, तो सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एईआरओ) संबंधित मामले की जांच करेंगे और उसके बाद ही ईआरओ अपना निर्णय लेंगे. इसके अतिरिक्त, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24 के तहत इआरओ के आदेश के विरुद्ध जिलाधिकारी तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष अपील दायर की जा सकती है. पुनरीक्षण के क्रम में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) एवं बूथ स्तर अधिकारी (बीएओ) द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि वास्तविक मतदाताओं, विशेष रूप से वृद्ध, बीमार, दिव्यांगजन, गरीब तथा अन्य वंचित वर्गों को किसी प्रकार की परेशानी न हो और उन्हें हर संभव सुविधा प्रदान की जाय. इस क्रम में सभी राजनीतिक दलों से प्रत्येक मतदान केंद्र पर अपने बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) की नियुक्ति अपेक्षित है. बीएलए की सक्रिय भागीदारी से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि यदि कोई विसंगतियां या त्रुटियां हों, तो उनका समाधान तैयारी के प्रारंभिक चरण में ही कर लिया जाय, जिससे दावे, आपत्तियों और अपीलों की संख्या में कमी लायी जा सके. बिहार राज्य में विशेष गहन परीक्षण कराये जाने हेतु भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 25 जून से 27 जुलाई 2025 तक निर्धारित किया है. उप निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि बिहार में अंतिम संक्षिप्त पुनरीक्षण 2003 में किया गया था, इसलिए निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) 01.01.2003 की अर्हता तिथि वाली 2003 की निर्वाचक नामावली को पात्रता का प्राथमिक प्रमाण मानेंगे, जिसमें नागरिकता की भी धारणा शामिल होगी, जब तक कि इसके विपरीत कोई जानकारी न प्राप्त हो. कोई भी व्यक्ति जिसका नाम 2003 की निर्वाचक नामावली में दर्ज नहीं है, उसे निर्वाचक नामावली में पंजीकरण के लिए पात्रता सिद्ध करने हेतु सरकार द्वारा मान्य विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों में से किसी एक का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा. सभी मतदाताओं को एन्यूमरेशन फार्म के साथ संलग्न घोषणा-पत्र में घोषणा करना अनिवार्य है. घोषणा के समर्थन में प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों की सांकेतिक (लेकिन संपूर्ण नहीं) सूची (स्वयं, पिता और माता के लिए अलग-अलग स्वप्रमाणित दस्तावेज़ प्रस्तुत किए जाने हैं, यदि ऊपर उल्लिखित हों, सिवाय उन मामलों के जहां बिहार की निर्वाचक नामावली की 01.01.2003 की अर्हता तिथि की प्रति का उपयोग किया गया हो, जिसे एक पर्याप्त दस्तावेज माना जायेगा. किसी केंद्रीय सरकार/ राज्य सरकार पीएसयू के नियमित कर्मचारी पेंशनर को जारी पहचान पत्र/ पेंशन भुगतान आदेश. 01.07.1987 से पूर्व भारत में सरकार/ स्थानीय प्राधिकरणों / बैंकों/ डाकघर/ एलआईसी/ पीएसयू द्वारा जारी कोई भी पहचान पत्र/ प्रमाणपत्र/दस्तावेज. सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, मान्यता प्राप्त बोर्ड / विश्वविद्यालयों द्वारा जारी मैट्रिक शैक्षिक प्रमाण पत्र. सक्षम राज्य प्राधिकारी द्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाण पत्र, वन अधिकार प्रमाण पत्र, सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी ओबीसी / एससी एसटी या कोई जाति प्रमाण पत्र, नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (जहां भी लागू हो), राज्य/ स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा तैयार परिवार रजिस्टर एवं सरकार द्वारा जारी कोई भी भूमि आवास आवंटन प्रमाण पत्र. यदि बीएलओ को गणना के समय कोई घर बंद मिले, तो वह प्रपत्र घर में डाल देगा और भरे हुए प्रपत्र लेने के लिए कम से कम तीन बार दौरा करेगा. मौजूदा मतदाताओं को प्री-फिल्ड गणना प्रपत्र डाउनलोड करने और ऑनलाइन भरे हुए प्रपत्र व दस्तावेज़ अपलोड करने की सुविधा भी प्रदान की जायेगी. प्रत्येक मतदाता को यह प्रपत्र आवश्यक जानकारी और स्वप्रमाणित दस्तावेजों के साथ बीएलओ को देना होगा. बीएलओ फिर से हर घर जाकर भरे हुए गणना प्रपत्र इकट्ठा करेगा, एक प्रति दस्तावेजों सहित अपने पास रखेगा और दूसरी प्रति पर प्राप्ति रसीद देकर यह प्रति आवेदक को देगा. यदि मतदाता ने ऑनलाइन प्रपत्र व दस्तावेज अपलोड किये हैं, तो बीएलओ घर पर जाकर दस्तावेजों का सत्यापन करेगा. प्रारूप मतदाता सूची में केवल उन्हीं मौजूदा मतदाताओं के नाम होंगे, जिन्होंने भरे हुए गणना प्रपत्र बीएलओको दिये हैं या जिनके ऑनलाइन प्राप्त और बीएलओ द्वारा सत्यापित प्रपत्र हैं. जिनसे प्रपत्र प्राप्त नहीं हुए उनके नाम प्रारूप सूची में शामिल नहीं होंगे. यदि कोई मतदाता निर्दिष्ट समय में प्रपत्र नहीं दे पाता, तो वह दावा व आपत्ति अवधि में फ़ॉर्म-6 व घोषणा प्रपत्र (परिशिष्ट-डी) के साथ नाम शामिल कराने हेतु आवेदन कर सकता है. प्रारूप प्रकाशन की सूचना (फ़ॉर्म-5) जारी करते समय इआरओ आगामी पात्रता तिथि अर्थात 1 अक्तूबर 2025 के लिए अग्रिम आवेदन भी आमंत्रित करेगा. यदि इआरओ/इआरओ को किसी प्रस्तावित मतदाता की पात्रता पर संदेह हो (आवश्यक दस्तावेज न मिलने या अन्य कारणों से), तो वह स्वतः संज्ञान लेकर जांच करेगा और ऐसे मतदाता को नोटिस जारी करेगा कि क्यों उसका नाम सूची से हटाया न जाय. फील्ड जांच, दस्तावेज या अन्य आधार पर अंतिम निर्णय लिया जायेगा और एक स्पष्ट आदेश पारित किया जायेगा. संदिग्ध विदेशी नागरिकों के मामलों को नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत सक्षम प्राधिकारी को भेजा जायेगा. यह सुनिश्चित किया जायेगा कि इआरओ की संतुष्टि जिस दस्तावेज़ पर आधारित है, उसे इसीआईनेट में अपलोड किया जाय क्योंकि वर्तमान तकनीक इसकी अनुमति देती है.नये मतदाता के रूप में नाम शामिल करने के सभी दावे फ़ॉर्म-6 और नयी घोषणा पत्र के साथ होंगे. सभी लंबित फॉर्म-6 और आगामी दावों पर भी घोषणा पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा. निवास स्थान बदलने, प्रविष्टियों में सुधार या अद्यतन,इपिक के प्रतिस्थापन और पीडब्ल्यूडी चिह्नित करने हेतु आवेदन फ़ॉर्म-8 में किया जायेगा. बिहार राज्य से बाहर से आने पर फ़ॉर्म-8 के साथ नया घोषणा पत्र भी देना अनिवार्य होगा. ईआरओ को फार्म 9, 10, 11, 11A और 118 में दावों और आपत्तिों की सूची तैयार करनी होगी और इन सूचियों की एक प्रति अपने कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर प्रत्येक कार्य दिवस पर प्रदर्शित करनी होगी. डीएम ने कहा कि निर्वाचक सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण से संबंधित कार्यकम संसूचित किया गया है. आयोग के उक्त कार्यकम के अनुसार प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए 12 सौ निर्वाचकों के मानक के आधार पर मतदान केंद्रो के युक्तिकरण के लिए 25 जून से 26 जुलाई 2025 तक समय सीमा निर्धारित करते हुए युक्तिकरण से संबंधित दिशा निर्देश संसूचित किया गया है. जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि आम निर्वाचन-2025 के अवसर पर मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी हेतु जिला स्तर पर विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं. इसके तहत निर्वाचक सूची में मृत एवं स्थायी रूप से स्थानांतरित निर्वाचकों का नाम विलोपन की कार्रवाई की जा रही है. साथ ही इसके अतिरिक्त जीविका दीदी, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका, कैंपस एंबेसडर, बूथ एवेरनेंस कैंप के माध्यम से मतदान के प्रति मतदाताओं में जागरूकता के लिए समय-समय पर कार्यक्रम संचालित किये जाते हैं. आगामी बिहार विधानसभा निर्वाचन में विशेष प्रयास के तहत मतदान प्रतिशत में वृद्धि हेतु मतदाता सूची से संबंधित कार्यों के अनुश्रवण हेतु प्रत्येक पंचायत स्तर पर एक पर्यवेक्षक की प्रतिनियुक्ति की गयी है, ये मतदान की तिथि तक अपने पंचायत क्षेत्र में स्वीप गतिविधि का क्रियान्वयन करेंगे एवं ऐसे निर्वाचक जो मतदान की तिथि को भाग क्षेत्र में उपस्थित रहने के बावजूद मतदान करने हेतु नहीं जाते हैं, को चिन्हित कर उन्हें मतदान की तिथि को मतदान केंद्र तक लाने हेतु विशेष प्रयास करेंगे. इस दौरान पुलिस अधीक्षक अजय कुमार, अनुमंडलाधिकारी प्रभाकर कुमार, उप निर्वाचन पदाधिकारी राहुल कुमार एवं सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के अध्यक्ष एवं सचिव उपस्थित रहे.

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