लखीसराय. शिक्षा विभाग इन दिनों काफी चर्चा में है. इसका प्रमुख कारण है कि बिना कार्य किये ही 90 योजनाओं को पूर्ण बताते हुए राशि निकालने का प्रयास किया गया, जबकि उन योजनाओं में धरातल पर कार्य हुआ ही नहीं. इसे लेकर जिलाधिकारी के द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था. जिसे लेकर शिक्षा विभाग के डीपीओ संजय कुमार के द्वारा दो अलग-अलग आवेदन देकर कुल 52 योजनाओं के तहत कुल 50 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इसमें 13 वेंडर, 36 अलग-अलग विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व एक कनीय अभियंता व एक सहायक अभियंता को नामजद किया गया है. इस संबंध में थानाध्यक्ष सुनील कुमार सहनी ने बताया कि डीपीओ संजय कुमार के आवेदन के आलोक में कांड संख्या 192/25 एवं कांड संख्या 193/25 दर्ज किया गया है. जिसके तहत कुल 50 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. मामले में पुलिस जांच शुरू कर दी गयी है. बता दें कि इन दिनों शिक्षा विभाग सुर्खियों में रह रहा है. शिक्षा घोटाला मामले के उजागर होने के बाद विपक्षी दलों के लोग प्रशासन पर पूरी तरह से हावी हैं. हालांकि, मार्च महीने में ही घोटाले की आशंका होने पर जिलाधिकारी ने इससे संबंधित भुगतान पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद उन्होंने जांच के आदेश भी दिये थे. जिसमें 90 विद्यालयों में योजनाओं धरातल पर नहीं होने के बावजूद उसके विपत्र का भुगतान के लिए अधिकारियों तक के हस्ताक्षर के बाद कोषागार में चले जाने की बात सामने आयी थी. वहीं कई ऐसे विद्यालय भी पाये गये जहां आंशिक कार्य होने पर भी पूर्ण भुगतान को लेकर विपत्र भेजने की बात सामने आयी थी. हालांकि, डीएम के द्वारा भुगतान पर रोक लगा दिये जाने से घोटाला करने वालों की मंशा पर पानी फिर गया था. वहीं इसे लेक डीएम काफी सख्त हो इस दिशा में कार्यवाही करने का निर्देश दिया था.
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