किऊल नदी का जलस्तर में धीरे-धीरे हो रहा कम

किऊल नदी का जलस्तर हो रहा कम

By Rajeev Murarai Sinha Sinha | August 3, 2025 8:56 PM
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लखीसराय. किऊल नदी के जलस्तर में अचानक गिरावट आयी है. इससे लोगों को थोड़ी राहत मिली है. रविवार की अहले सुबह से नदी के जलस्तर में अचानक जलस्तर में धीरे-धीरे गिरावट आयी है. शनिवार को किऊल नदी के जलस्तर अचानक बढ़ चुकी थी. जिससे कि कई सरकारी बिल्डिंग का अस्तित्व खतरे में आ गया था. अगर जलस्तर में और वृद्धि होती तो कई तरह का नुकसान का लोगों को सामना करना पड़ता, लेकिन नदी के पानी कम होने से किसान एवं आम लोगों ने चैन की सांस ली है. रविवार को भी सुबह भी बजे से ही बारिश शुरू हो गया एवं लगातार शाम तक बूंदाबांदी होते रहा. जिससे कि कुंदर बराज से फिर से पानी छोड़ा जा सकता है. जिससे किऊल नदी फिर से उफान मार सकती है. किऊल नदी के बढ़ते एवं घटते जलस्तर से दियारा क्षेत्र के किसानों को धड़कन बढ़ जाती है. किसान फसल को लेकर काफी चिंतित हो जाते हैं. रहाटपुर के अजय सिंह बताते हैं कि किऊल नदी के जलस्तर बढ़ जाने से सबसे अधिक मक्का की खेती को प्रभावित करता है. नदी के पानी फसल के लिए जहरीला साबित होता है. जिससे कि फसल को नुकसान पहुंचता है. इधर, अधिक बारिश होने से किसान सहदेव यादव का कहना है कि उनके द्वारा हाल ही के दिन रोपनी कार्य कराया गया है. धान का पौधा काफी नाजुक है. लगातार बारिश होने के कारण फसल डूब गया है. लगातार खेत में फसल के डूबने से फसल को नुकसान पहुंचेगा. लगातार बारिश होने से कुंदर बराज से कितना क्यूसेक पानी छोड़ा जायेगा यह जिला प्रशासन को भी पता नहीं चल पाता है. इससे जिला अनभिज्ञ अवस्था में आपदा को लेकर अचानक की तैयारी नहीं कर पाते है. इस संबंध में प्रभारी आपदा प्रबंधन पदाधिकारी शशि कुमार का कहना है कि किऊल नदी का जलस्तर में कमी आयी है. लगातार बारिश होने से कुंदर बराज से यदि एक सीमित मात्रा में पानी छोड़ा जाता है तो कोई नुकसान नहीं है.

दुर्गा मंदिर परिसर में दो फीट जलजमाव, श्रद्धालुओं को हो रही परेशानी

बड़हिया.

प्रखंड के गंगासराय गांव स्थित नयी दुर्गा मंदिर परिसर जलजमाव की चपेट में आ गया है. मंदिर परिसर में पिछले पखवाड़े से लगातार दो से तीन फीट तक पानी जमा है, जिससे मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं सहित स्थानीय ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस संबंध में ग्रामीणों ने बड़हिया के बीडीओ, सीओ और लखीसराय के एसडीओ को आवेदन देकर जलनिकासी की व्यवस्था कराने की मांग की है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पहले मंदिर परिसर व वार्ड संख्या 2, 5 एवं 6 के घरों का पानी एक नाले के जरिये एनएच-80 के नीचे से होकर सड़क पार गड्ढे में निकल जाता था, लेकिन नाले को अवरुद्ध कर दिया गया है, जिससे मंदिर परिसर का पानी बह नहीं पा रहा है और पूरे परिसर में जलजमाव की स्थिति बन गयी है. ग्रामीणों ने बताया कि जब इस मामले को लेकर संबंधित व्यक्ति से बातचीत की गयी तो वह आक्रोशित होकर विवाद पर उतारू हो गया. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे आंदोलन करेंगे. इस संबंध में दीपक सिंह, राजेश कुमार सिंह, राजाराम सिंह, बबलू कुमार, अविनाश सिंह, अमरजीत कुमार विक्की, रामदास सिंह, कंचन सिंह, शंभु कुमार सहित अन्य ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से प्रशासन से गुहार लगायी है. अंचलाधिकारी राकेश आनंद ने बताया कि सोमवार को स्थल निरीक्षण किया जायेगा. निरीक्षण के बाद शीघ्र समस्या का समाधान कराया जायेगा.

जलजमाव की वजह से प्रखंड के कई गांव में दिख रहा बाढ़ जैसा माहौल

रामगढ़ चौक.

विगत एक सप्ताह से जारी बारिश एवं शुक्रवार की रात से जारी भारी बारिश की वजह से प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ जैसा माहौल दिखने लगा है. जिससे रामगढ़ चौक प्रखंड के कई गांव के किसान परेशान हैं. पूर्व में बारिश की कमी के कारण किसान 99 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि पर मोटर के सहारे धान की रोपाई किया, लेकिन धान की रोपाई के तुरंत बाद भारी बारिश की वजह से धान का फसल पूरी तरह जलमग्न हो गया. जिससे रामगढ़ चौक प्रखंड क्षेत्र के बरूई, बोधनगर, नंदनामा, रामगढ़, बिल्लो आदि गांव का धान की फसल पूरी तरह जलमग्न है. जिससे किसान काफी परेशान हैं. बताया जा रहा कि कई जगह नहर का बांध टूटने से पूरी तरह पानी खेत में भर गया है. वहीं जानवर पालने वाले किसान चारा के लिए परेशान होने लगे हैं. इसके साथ ही कई जगह गांव के अंदर पानी प्रवेश कर गया है. गांव की सड़क पूरी तरह जलमग्न है. किसान सह वार्ड सदस्य राजेश रंजन ने बताया कि कई किसानों का बथान व पशु चारा पूरी तरह से पानी में डूब गया. वहीं तालाब पर जिस तरह पानी का जलस्तर बढ़ रहा है, उससे मछली पालन करने वाले किसान भी परेशान हो रहे हैं. उन्हें अपने तालाब से पानी में समा जाने खतरा दिखाई देने लगा है, जिससे उन्हें मछली पालन पर खतरा दिखाई दे रहा. वहीं मुर्गा फार्म में भी पानी घुस गया. साथ ही प्रखंड कार्यालय भी पानी में वाटर पार्क बना है. समाजसेवी सदानंद मंडल ने कहा कि जगह जगह पानी का रास्ता अतिक्रमण करने के कारण भी पानी का निकास बाधित है. नंदनामा-बोधनगर सड़क पर तार का पेड़ गिरने से 11 हजार वोल्ट का तार लगा बिजली का खंभा तार टूट गिर गया. जिसे ग्रामीणों के द्वारा विभाग को सूचना देकर रास्ता खाली कराया गया है.

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शुक्रवार की रात क्षेत्र में हुई भारी बारिश ने जनजीवन को किया अस्त व्यस्त

हलसी.

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