बाइक सवार तेंदुए से महज लगभग दस मीटर दूरी पर जा रुके और तुरंत ही अपनी वाहन मोड़ कर डर के मारे वापस लौट गए थे. बगहा के रहने वाले राकेश जायसवाल, सुधीर गुप्ता, अनीश तिवारी, नवीन पांडेय ने बताया कि कई दफा जंगल में सफारी करने गए हैं. लेकिन सफारी के दौरान कभी भी बाघ नजर नहीं आया. लेकिन गाड़ी से आने के दौरान रात में तेंदुआ जरुर दिखाई दिया. जीवन में पहली बार सामने से तेंदुआ दिखाई दिया था. इससे पहले चिड़िया घर में हम लोगों ने देखा था. लेकिन खुले में तेंदुए को देखकर अच्छा भी लगा. इसके साथ ही थोड़ा डर भी लगा.
अक्सर सड़कों पर नजर आ जाते हैं वन्यजीव
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामणि के. ने बताया कि वीटीआर में बाघ व तेंदुआ की संख्या है, तभी तो दिख रहे हैं. आंकड़े के अनुसार वीटीआर में कुल 54 बाघों की संख्या बताई जा रही है. प्रत्येक वर्ष इनकी संख्या बढ़ रही है. सीएफ ने बताया कि वीटीआर के जंगल में बाघों की दहाड़ सुनाई देने लगी है. जंगलों से गुजरी प्रत्येक सड़कों पर कहीं ना कहीं बाघ, तेंदुआ, हिरण, मोर, भालू आदि जंगली जानवर दिखाई देने लगे हैं. हाल ही में 29 जुलाई टाइगर डे के अवसर पर बाघों की संख्या की घोषणा की गयी थी. हालांकि 30 जुलाई को एक बाघ का रेस्क्यू कर इलाज के लिए बाहर भेजा गया है. बढ़ती हुई संख्या के आधार पर वीटीआर को वेरी गुड के श्रेणी में रखा गया है.