EBC की आबादी सबसे ज्यादा, उम्मीदवारी सिर्फ 12, जानिए बिहार में किस जाति के कितने प्रत्याशियों को मिला टिकट?

लोकसभा चुनाव 2024 में दोनों गठबंधनों के 16 उम्मीदवार यादव जाति से हैं, जबकि दोनों गठबंधनों के 09 उम्मीदवार कुशवाहा जाति से हैं. इसके अलावा पढ़ें किस पार्टी ने किस जाति के कितने लोगों को टिकट दिया है.

By Anand Shekhar | April 24, 2024 6:10 AM
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Loksabha Election: जाति गणना को लेकर बिहार में भले ही बड़े-बड़े दावे किये गये हों, पर जब धरातल पर लाभ देने की बारी आयी तो अति पिछड़ी जातियों उतनी हिस्सेदारी नहीं मिल पायी. इस लोकसभा चुनाव में पिछड़ों में अगड़ों और अति पिछड़ी जातियों में राजनीति में हावी रही दो-चार जातियों को ही प्रतिनिधित्व मिल पाया है. बाकी जातियां खाली हाथ रह गयीं.

यादव जाति से दोनों गठबंधनों के 16 उम्मीदवार

एनडीए और महागठबंधन की बात करें, तो दोनों तरफ से अकेले 16 उम्मीदवार यादव जाति से ही उतारे गये हैं. महागठबंधन में राजद ने नौ, भाकपा माले-1, सीपीआइ-1, भाजपा-3 और जदयू ने दो यादव उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है.

वहीं अति पिछड़ी जातियों की बात करें, तो दोनों ही गठबंधनों में 12 उम्मीदवारों को ही मौका मिला है. इनमें राजद से दो, कांग्रेस से एक और भाकपा माले से एक उम्मीदवार हैं. वहीं एनडीए में भाजपा से तीन तथा जदयू से चार उम्मीदवारों को मौका मिला है.

कुशवाहा जाति से दोनों गठबंधनों में नौ उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इनमें राजद से उजियारपुर से आलोक मेहता, औरंगाबाद से अभय कुशवाहा और नवादा से श्रवण कुशवाहा, भाकपा माले से काराकाट से राजाराम सिंह, सीपीएम से खगड़िया से संजय कुमार, वीआइपी से पूर्वी चंपारण से राजेश कुशवाहा और कांग्रेस से पटना साहेब से अंशुल अभिजित कुशवाहा उम्मीदवार हैं. जबकि, एनडीए में जदयू से एक पूर्णिया से संतोष कुशवाहा और उपेंद्र कुशवाहा की रालोमो से खुद उपेंद्र चुनाव मैदान में हैं.

महागठबंधन में सवर्ण उम्मीदवार कम, एनडीए में ज्यादा

दूसरी ओर सवर्ण उम्मीदवार देने में राजद, वीआइपी और भाकपा माले ने कोताही बरती है. राजद से मात्र दो जिनमें एक भूमिहार वैशाली से मुन्ना शुक्ला और एक राजपूत बक्सर से सुधाकर सिंह उम्मीदवार हैं. कांग्रेस के तीन सवर्ण उम्मीदवारों में दो भूमिहार महाराजगंज से आकश सिंह और भागलपुर से अजित शर्मा और एक ब्राह्मण पश्चिमी चंपारण से मदन मोहन तिवारी उम्मीदवार बनाये गये हैं.

वहीं, एनडीए ने कुल 12 सवर्ण उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. इनमें भाजपा से 10 और जदयू से तीन प्रत्याशी हैं, जिनमें भूमिहार जाति से मुंगेर से ललन सिंह, शिवहर से राजपूत जाति से लवली आनंद और सीतामढ़ी से ब्राह्मण जाति से देवेश चंद्र ठाकुर प्रत्याशी बनाये गये हैं.

भाजपा में पटना साहेब से कायस्थ जाति से रविशंकर प्रसाद, औरंगाबाद से राजपूत जाति से सुशील कुमार सिंह, नवादा से भूमिहार जाति से विवेक ठाकुर, पूर्वी चंपारण से राजपूत जाति से राधामोहन सिंह, दरभंगा से ब्राह्मण जाति से गोपाल जी ठाकुर, महाराजगंज में राजपूत जाति से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल और सारण से राजपूत जाति के ही राजीव प्रताप रूडी, बेगूसराय से भूूमिहार जाति से गिरिराज सिंह, बक्सर से ब्राह्मण जाति से मिथिलेश तिवारी और आरा से राजपूत जाति से आरके सिंह उम्मीदवार बनाये गये हैं.

पांच मुस्लिम उम्मीदवार

इस बार के चुनाव में एनडीए और महागठबंधन से महज पांच मुस्लिम उम्मीदवार बनाये गये हैं. इनमें एनडीए में जदयू ने किशनगंज से मास्टर मुजाहिद को, तो महागठबंधन में कांग्रेस ने किशनगंज में मो जावेद और कटिहार से तारिक अनवर, राजद में मो अली अशरफ फातमी को मधुबनी से और अररिया से मो शाहनवाज आलम उम्मीदवार बनाये गये हैं.

  • महागठबंधन में पिछड़ी जाति -20, एससी-7, सवर्ण-5, इबीसी-4 और मुस्लिम-4
  • एनडीए में सवर्ण-14, पिछड़ा-11, अति पिछड़ा- 8, दलित-6 और मुस्लिम -1
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