बिहार में लंपी वायरस अटैक ! कैमूर में दो गायों की हुई मौत, इन जिले के पशुओं पर मंडरा रहा ‘मौत का खतरा’

गायों को लंपी वायरस से बचाने के लिए विभाग ने राज्य से लगी सीमा सीमाओं पर अलर्ट जारी किया है. जानकारी के मुताबिक बिहार के बाहर से आने वाली गायों को अब कोरोना की तरह ही 14 दिनों तक क्वारंटाइन किया जाएगा.

By Saurav kumar | January 14, 2023 12:05 PM
feature

Lumpy virus: बिहार में कोरोना के खतरे के बाद अब पशुओं पर मौत का खतरा मंडरा रहा है. बता दें कि बीते दिनों कैमूर में दो संक्रमित गायों की मौत हो गयी. जिसके बाद से राज्य में लंपी वायरस ने खतरे की घंटी बजा दी है. पशु विभाग ने राज्य के दो लाख से भी अधिक गायों को बचाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है. विभाग ने प्रदेश के 19 जिलों में अलर्ट जारी किया है.

लंपी वायरस गायों में तेजी से फैलता है. इस वजह से खतरनाक लंपी वायरस से पशुओं को बचाने के लिए राज्य पशु विभाग ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी है. नेपाल सीमा से लेकर राज्य से लगी सीमा सीमाओं पर अलर्ट जारी कर दिया गया है.

गायों को लंपी वायरस से बचाने के लिए विभाग ने राज्य से लगी सीमा सीमाओं पर अलर्ट जारी किया है. जानकारी के मुताबिक बिहार के बाहर से आने वाली गायों को अब कोरोना की तरह ही 14 दिनों तक क्वारंटाइन किया जाएगा.

बता दें कि राज्य में लंपी वायरस की यह दूसरी लहर है. इससे पूर्व साल 2019 में गया जिले में संक्रमण का असर देखा गया था. हालांकि उस दौरान विभाग ने संक्रमण को जल्द ही काबू में कर लिया था. लेकिन कैमूर में हुई दो संक्रमित गायों की मौत के बाद से विभाग और पशुपालकों की बेचैनी बढ़ी हुई है. कैमूर समेत प्रभावित दस जिलों को रेड जोन घोषित किया गया है. इसके अलावे लंपी वायरस से पशुओं को बचाने के लिए 28 जिलों में तेजी से पशुओं को टीका लगाया जा रहा है.

  • कैमूर , दरभंगा, पटना , पूर्णिया , नवादा, शेखपुरा, जहानाबाद , नालंदा, गया और बक्सर.

जानकारी के मुताबिक बिहार में अब तक कुल 1272 गायों में लंपी वायरस की पुष्टि हुई है. संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए पशु चिकित्सा विभाग ने प्रभावित जिलों में लगभग 1.5 करोड़ पशुओं के टीकाकरण का लक्ष्य़ रखा है. बता दें कि 9 जनवरी से विभाग ने कुल 28 जिलों में वैक्सिनेशन की प्रकिया को शुरू किया था. अभी लगभग 90 प्रतिशत पशुओं को टीका लगाया जाना बाकी है.

बिहार के पशुओं को संक्रमण से बचाने के लिए पशु चिकित्सा विभाग ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी. इसके अलावे लक्ष्ण के आधार पर पशु चिकित्सक पशुओं का तत्परता से उपचार कर रहे हैं. किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए विभाग ने पटना में एक कंट्रोल सेंटर बनाया है. जिसका नंबर 0612 – 2226049 है. लंपी रोग से संबंधित जानकारी व सूचना के लिए पशुपालक सुबह के 9 बजे से लेकर शाम के 5 बजे तक संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.

पशु चिकित्सक बताते हैं कि लंपी वायरस एक स्किन वायरल डिजीज है. यह गोट पॉक्स वायरस की फेमिली का है. इसे लंपी स्किन या लंपी वायरस कहा जाता है. गायों में इसका अधिक प्रभाव होता है. यह बुखार के साथ पशुओं के स्किन पर एक गांठ बना देता है. बाद में गांठ पककर फूटती है. जिस वजह से पशुओं को असहनीय दर्द महसूस होता है. मच्छर, मक्खी और खून चूसने वाले अन्य कीट से लेकर इंसान तक इस रोग के फैलने का माध्यम बन सकते हैं. लांकि इंसानों या अन्य जानवरों में इसका संक्रमण नहीं होता है. मानव केवल वायरस को आगे बढ़ाने का जरिया बन सकते हैं.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version