प्राचीन भारतीय शिक्षा व्यवस्था, ज्ञान आधारित होने के साथ हो कौशल आधारित : प्रो नरेश

प्राचीन भारतीय शिक्षा व्यवस्था, ज्ञान आधारित होने के साथ हो कौशल आधारित : प्रो नरेश

By Kumar Ashish | May 20, 2025 7:16 PM
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मधेपुरा. भूपेंद्र नारायण मंडल वाणिज्य के विश्वविद्यालय शिक्षा शास्त्र विभाग में एंपावरमेंट ऑफ लर्नर्स इन द लाइट ऑफ इंडियन नॉलेज सिस्टम पर सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन आइक्यूएसी निदेशक प्रो नरेश कुमार ने किया. सेमिनार की अध्यक्षता शिक्षाशास्त्र विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो चंद्र प्रकाश सिंह ने की. विभाग की डॉ अंजू प्रभा, डॉ रूपा कुमारी समेत अन्य ने अतिथियों का स्वागत किया. कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता आईक्यूएसी निदेशक प्रो नरेश कुमार ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा अत्यंत समृद्ध व प्रभावशाली है. यदि हम प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति पर प्रकाश डाले तो पाते हैं कि प्राचीन भारतीय शिक्षा व्यवस्था, ज्ञान आधारित होने के साथ-साथ कौशल आधारित भी रही, जो हमें जीवन उपयोगी ज्ञान प्रदान करती थी. मध्यकालीन शिक्षा नीतियों ने हमें कर दिया था थोड़ा सा भ्रमित प्रो नरेश कुमार ने कहा कि मध्यकालीन शिक्षा नीतियों ने हमें थोड़ा सा भ्रमित कर दिया. इसके बाद हमारी शिक्षा व्यवस्था में कुछ कुरीतियां विकसित हो गयी. भारत सरकार के सार्थक प्रयास से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अस्तित्व में आने से आज हम भारतीय ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने में सफल हो रहे हैं. शिक्षाशास्त्र विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो चंद्र प्रकाश सिंह ने मानव जीवन में नैतिक मूल्यों के महत्व को बताया. उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा में आध्यात्मिक मूल्य व दर्शन पर प्रकाश डाला. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को विकसित करना युगांतरकारी कदम कार्यक्रम समन्वयक सह विभागाध्यक्ष डॉ सुशील कुमार ने सेमिनार के विषय प्रकरण से परिचित कराते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को विकसित करना भारतीय शिक्षा पद्धति के लिए एक युगांतरकारी कदम है, जिसने आज हमें भारतीय ज्ञान परंपरा, संस्कृति, सभ्यता व नैतिकता के विभिन्न आयामों से जोड़ने का अवसर प्रदान किया. आज की नवीन भारतीय शिक्षा संरचना व भारतीयता से जुड़े हुये विषयों के समावेशन ने हमारे अंदर आत्मविश्वास, आत्म गौरव व देशभक्ति का भाव बढ़ने का कार्य किया है. भारतीय ज्ञान परंपरा में चरित्र निर्माण पर दिया बल डॉ अनिल कुमार ने भारतीय ज्ञान परंपरा में वैदिक मूल्य व प्राचीन ज्ञान की महत्व पर प्रकाश डाला. फिरोज अहमद ने भारतीय ज्ञान परंपरा में चरित्र निर्माण पर बल दिया तथा शक्तिशाली राष्ट्र निर्माण की बात कही. डॉ राम सिंह यादव ने भारतीय ज्ञान परंपरा में वैदिक ज्ञान का महत्व कर्मवाद की प्रधानता तथा सक्षम व समग्र व्यक्तित्व निर्माण करते हुए शिक्षा, संस्कृति व योग दर्शन की महत्ता पर प्रकाश डाला. डॉ माधुरी कुमारी ने अध्यापक शिक्षा की ऐतिहासिक परिदृश्य पर चर्चा किया. उन्होंने प्राचीन कालीन शिक्षण प्रशिक्षण प्रक्रिया, बौद्ध कालीन, मध्यकालीन, ब्रिटिश कालीन अध्यापक शिक्षा प्रशिक्षण, आधुनिक भारत में शिक्षा प्रशिक्षण पर बल देते हुये सीखने सिखाने की प्रक्रिया पर भी बल दिया, जो मनुष्य को एक सार्थक मानव बनता है. सेमिनार में दो पुस्तकों का हुआ विमोचन डॉ शैलेश यादव ने भारतीय ज्ञान परंपरा में ज्ञान विज्ञान व दर्शन पर प्रकाश देते हुए वेद से लेकर नास्तिक, आस्तिक दर्शन को बताते हुए सर्वांगीण विकास की बातें की. प्रो चंद्रधारी यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया. सेमिनार में डॉ चंद्रधारी यादव लिखित पुस्तक ज्ञान व पाठ्यचर्या तथा डॉ राम सिंह यादव द्वारा लिखित पुस्तक भारतीय शिक्षा व्यवस्था का विकास दो पुस्तकों का विमोचन किया गया. वक्ताओं ने कहा कि दोनों पुस्तक शिक्षक व छात्रों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा.

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