Madhepura News : संजय कुमार, चौसा (मधेपुरा). कभी जीवनदायिनी बनकर हजारों परिवारों का पेट पालती है, तो कभी रौद्र रूप धारण कर सताती है. उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर अविरल बहने वाली कोसी की कहानी निराली है. कोसी की इस अविरल धारा में मधेपुरा चौसा के फुलौत और आलमनगर के सोनामुखी का इतिहास रचा-बसा है. कहा जाता है कि इसी नदी के कारण मधेपुरा जिले के दो प्रखंडों चौसा व आलमनगर में आंशिक रूप से पुरैनी के छोटे-छोटे गांव का विस्तार हुआ. यूं तो कोसी सालों भर बहती है, लेकिन बारिश के दिनों में यह रौद्र रूप धारण कर लेती है. इसके कारण प्रत्येक वर्ष कछार में बसे सैकड़ों गांवों में बाढ़ आती है. इस नदी का उद्गम स्थल नेपाल माना जाता है. जलस्तर बढ़ने के बाद यह अपने रास्ते में तबाही मचा देती है. जगह-जगह बांध बनाने के कारण यह अवरुद्ध होती है. परंतु बारिश में रौद्र रूप धारण कर अपना रास्ता खुद बना लेती है. कटिहार जिले के कुरसेला के समीप गंगा में जाकर मिल जाती है. बाढ़ के कारण इन दिनों कोसी की स्थिति भयावह है. हालांकि पानी घटने की वजह से लोगों को राहत मिली है.
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