
राहगीरों को आवाजाही में होती है परेशानी मधेपुरा. शहर की सड़कों पर अतिक्रमण की समस्या विकराल रूप ले चुकी है. शहर के प्रमुख चौक-चौराहों से लेकर तंग गलियों तक, हर जगह दुकानदारों व वाहन चालकों द्वारा सड़क पर कब्जा कर लिया गया है. इससे प्रतिदिन शहरवासियों को जाम की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है. खासकर ऑफिस और स्कूल-खुलने-बंद होने के समय पर स्थिति और भी भयावह हो जाती है. इसके बावजूद प्रशासन की तरफ से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है. मुख्य बाजार में जाम, स्कूली बच्चों को हुई परेशानी शुक्रवार को शहर के मुख्य बाजार में एसएनपीएम हाई स्कूल के सामने जाम लग गयी. स्कूल खुलने के समय बच्चों के अभिभावकों की भीड़, सड़क किनारे ठेले-खोमचे और अवैध रूप से खड़ी बाइकों के कारण ट्रैफिक लगभग ठप हो गया. आम राहगीरों को घंटों तक जाम में फंसे रहना पड़ा. वाहन चालकों को एक किलोमीटर की दूरी तय करने में आधे घंटे से अधिक समय लग गया. सुभाष चौक पर सड़क बनी पार्किंग सुभाष चौक के समीप सड़क किनारे बेतरतीब तरीके से खड़ी कारों के कारण आवागमन बाधित हो गया. इस दौरान कई बार बाइक सवारों व कार चालकों के बीच बहस भी हुई. स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि यह स्थिति रोज की है, लेकिन अब तक न तो ट्रैफिक पुलिस की तैनाती हुई है और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है. एसडीओ कार्यालय के पास भी लगा जाम एसडीओ कार्यालय के पास भी शुक्रवार को सड़क पर अतिक्रमण के कारण जाम की स्थिति बनी रही. कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों व आम जनता को अंदर तक पहुंचने में परेशानी हुई. यहां तक कि कुछ लोग जरूरी काम होने के बावजूद लौट गये. गाड़ी खड़ी करने की कोई स्पष्ट व्यवस्था न होने के कारण लोग जहां-तहां गाड़ियां खड़ी कर देते हैं, जिससे स्थिति और भी बिगड़ जाती है. लापरवाह प्रशासन, बढ़ता अतिक्रमण शहर के लोगों का कहना है कि जब तक अतिक्रमण पर सख्ती नहीं होगी, तब तक यह समस्या बनी रहेगी. नगर परिषद और जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण अतिक्रमणकारियों का मनोबल बढ़ा हुआ है. कई बार सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने ज्ञापन सौंपा है, लेकिन केवल कागजी कार्रवाई तक ही बातें सीमित रह जाती हैं. नहीं लगे ट्रैफिक सिग्नल, यातायात नियंत्रण नदारद एक बड़ी विडंबना यह भी है कि आज तक शहर के किसी भी प्रमुख चौक-चौराहे पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए लाल बत्ती वाले सिग्नल लाइट नहीं लगाये गये हैं. इससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी न के बराबर होती है. नतीजा यह होता है कि हर कोई मनमाने तरीके से वाहन चलाता है और जाम का कारण बनता है. जनता ने की ठोस कार्रवाई की मांग जनता ने जिला प्रशासन से ठोस कदम उठाने की मांग की है. अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करना अब समय की मांग बन चुकी है. वरना आने वाले दिनों में शहर की सड़कें पूरी तरह जाम के हवाले हो जाएंगी और जनजीवन ठप हो जाएगा.
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