झंझारपुर. अररिया संग्राम स्थित मिथिला हाट के बैंक्वेट हाॅल में बिहार ईंट निर्माता संघ का राज्य स्तरीय सम्मेलन हुआ. प्रदेश अध्यक्ष की अध्यक्षता में आयोजित सम्मेलन में सरकार की ओर से अघोषित लाल ईंट पर प्रतिबंध लगाने पर संघ के लोगों ने नाराजगी जतायी. सम्मेलन में 12 प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास करने का निर्णय लिया गया. जीएसटी और कोयला में बढ़ोतरी पर संघ के सदस्यों ने चर्चा की. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार लाल ईंट को सरकारी योजना में इस्तेमाल करने में अघोषित रूप से प्रतिबंध लगाया हुआ है. जिससे ईंट भट्ठा निर्माता को काफी नुकसान हो रहा है. कहा कि सरकार एक ओर मजदूरों का पलायन रोकना चाहती है, वहीं दूसरी ओर बेवजह जीएसटी व कोयला में बढ़ोतरी कर ईंट से जुड़े व्यवसायी और इस उद्योग में लगे मजदूरों को बेरोजगार करना चाहती है. कहा कि पूर्व में 01 प्रतिशत जीएसटी लिया जाता था. जिसे सरकार ने बढ़ाकर 06 प्रतिशत कर दिया है. इससे साफ जाहिर हो रहा है कि सरकार ही इस उद्योग को बंद कराना चाहती है. प्रदेश स्तरीय सम्मेलन में पहुंचे विभिन्न जिले के ईंट उद्योग से जुड़े व्यवसायियों ने कहा कि ने लगभग 250 से अधिक ईंट उद्योग को बंद हो गया है. राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य मोती कुमार ने कहा कि सरकार दिन प्रतिदिन नये-नये कानून लगाकर इस उद्योग को पूरी तरह से चौपट करना चाहती है. सम्मेलन में आय व्यय, इसी के मुद्दे पर पुनर्विचार करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रूख, लाल ईंट के प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय, 15 जनवरी से ईंट भट्ठे की फुकाई, कोल के बकाये राशि पर विचार, माइनिंग बकाये पर सूद जुर्माना की माफी, ट्रैक्टर टेलर सात टन, गंगा गाद, चुनावी साल में ईंट निर्माता के हित साधने के लिए प्रयास, जी एस टी आदि का प्रस्ताव पारित किया गया. बैठक में प्रदेश अध्यक्ष मुरारी कुमार मन्नू, मुजफ्फरपुर जिलाध्यक्ष संत सिंह, पटना जिलाध्यक्ष श्याम नंदन शर्मा, बेतिया जिलाध्यक्ष विनय कुमार पांडे, दीपू कुमार ठाकुर, जगदंबा ईंट उद्योग के संचालक गौतम झा अप्पू, मुजफ्फरपुर के कुंदन सिंह, गोविंद झा, महेश कुमार महतो, लाल बाबू, सतीश कुमार झा, शिव कुमार, शारदा नंद झा, गौरी शंकर महतो सहित दर्जनों ईंट भट्ठा मालिक मौजूद थे.
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