मधुबनी. नेशनल कनफेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन के तत्वावधान में जिला मुख्यालय स्थित आंबेडकर पुस्तकालय भवन में जिला स्तरीय दलित राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जिले के दलित बुद्धिजीवी, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. बैठक में दलितों के विभिन्न मसलों पर विचार विमर्श किया. जिसमें जिले में लगातार दलितों पर हो रहे जुल्म, अत्याचार, हत्या दुष्कर्म, स्मैक तथा नशा कि समस्या, दलितों के छात्रवृत्ति, मनरेगा में मजदूरों को काम नहीं मिलना, अनुसूचित जाति, आरक्षण और संविधान पर खतरा प्रमुख विषय रहा. राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस के मुख्य अतिथि नैकडोर के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक भारती ने कहा कि देश में दलितों आदिवासियों कि नीतियों का एनालिसिस करने उस पर एक्शन लेने के लिए संघटनात्मक और संस्थानिक ढांचा की आवश्यकता है. वहीं, समस्तीपुर के राजीव कुमार ने बताया कि बिहार में दलितों युवाओं पर सरकार ध्यान नहीं दे रही. दलितों युवाओं में बेरोजगारी और पलायन सबसे अधिक है. उच्च शिक्षा के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना का लाभ छात्रों को नही मिल रहा. इसलिए जरूरत संविधान और संविधान प्रदत्त अधिकारों कि सुरक्षा के लिए एकजुट होकर काम करने का है. पटना से आए दिव्यांग अधिकार कार्यकर्ता अमित पासवान ने दलित समाज के दिव्यांगों के मामलों पर प्रकाश डाला. राजस्थान की सुमेधा बौद्ध ने राउंड टेबल में कहा कि समाज के हर फिल्ड में महिलाओं कि 50 प्रतिशत सहभागीता जरुरी है. कॉन्फ्रेंस को डॉ. आंबेडकर मुसहर विकास संगठन के राजेद्र सदाय, आलोक देवराज, रविदासीया धर्म संगठन के सुनील राम, मनखूश पासवान, एससी एसटी कर्मचारी संघ के दशरथ पासवान, पिंकी पासवान, अमित कुमार सहित कई लोगों ने संबोधित किया.
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