मधुबनी: न्यायालय के आदेश के आठ वर्ष बाद भी परिवाद पर प्राथमिकी दर्ज नही करना जयनगर थानाध्यक्ष को मंहगा पड़ा. जिला अवर सत्र न्यायालय छह सह विशेष न्यायालय पॉक्सो के न्यायाधीश निशांत कुमार प्रियदर्शी ने इसे गंभीरता से ली है. जयनगर थानाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही न्यायालय ने आगामी 17 जुलाई को सदेह उपस्थित होकर जवाब देने का निर्देश दिया है कि इतने लंबे समय के बाद भी प्राथमिकी दर्ज क्यों नही की गयी. जानकारी के अनुसार, वर्ष 2018 में आवेदिका ने अपनी नाबालिग पुत्री के साथ यौन शोषण से संबंधित मामले को लेकर विशेष न्यायालय पॉक्सो में जयनगर थाना क्षेत्र के विष्णु साह सहित आठ अन्य पर परिवाद दायर किया था. परिवाद को विशेष न्यायालय ने त्वरित कार्रवाई के लिये संबंधित जयनगर थानाध्यक्ष को प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान करने का आदेश दिया था, लेकिन आठ साल बाद भी जयनगर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की. विशेष न्यायालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर जयनगर थानाध्यक्ष को न्यायालय में सदेह उपस्थित होकर जवाब देने का आदेश दिया है.
संबंधित खबर
और खबरें