मधुबनी . मिथिला के नवविवाहिताओं के पारंपरिक पर्व मधु श्रावणी की शुरुआत 15 जुलाई से होगी. जिसका समापन 27 जुलाई को होगी. यह पर्व सावन माह की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि से शुरू होकर शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि तक मनाया जाता है. विदित हो कि 14 दिनों के मधुश्रावणी पर्व के दौरान नवविवाहिताएं दिनभर व्रत रख भगवान शिव, पार्वती और नाग देवता की पूजा कर अपने अखंड सौभाग्य व पति की लंबी आयु के लिए मंगलकामना करती है. पर्व के दौरान नवविवाहिताएं नमक का सेवन नहीं करती है और सात्विक जीवन जीती है. मधुश्रावणी पर्व के दौरान नवविवाहिताएं शाम में फूल लोढ़ी करती है. इसी लोढ़े गये फूल से अगले दिन भगवान शिव, पार्वती और नाग देवता की पूजा करती है. पूजा-अर्चना के बाद नवविवाहिताएं ससुराल से आये भोजन सामग्री ही ग्रहण करती है. मधुश्रावणी पर्व नवविवाहिताओं के लिए विशेष महत्व रखती है. ऐसा विश्वास किया जाता है कि निष्ठापूर्वक मधुश्रावणी पर्व मनाने से नववाहिताओं का सौभाग्य अखंड रहता है.
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