झंझारपुर. पश्चिमी कोसी नहर परियोजना से अब किसानों को सिंचाई की सुविधा बेहतर होने वाली है. पश्चिमी कोसी नहर का पुनरुत्थान किया जायेगा. जिससे मधुबनी व दरभंगा सहित समस्तीपुर के किसान उत्साहित हैं. इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा 8678.29 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. इस परियोजना को अमलीजामा पहनाने वाले पूर्व जल संसाधन मंत्री सह वर्तमान में जेडीयू कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा को किसानों ने आभार जताया है. योजना की मूल प्रशासनिक स्वीकृति वर्ष 1962 में 13.49 करोड़ रुपए के लिए प्रदान की गई थी. नेपाल से नहर निर्माण के विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर सहमति मिलने के बाद वर्ष 1971 से योजना का कार्य प्रारंभ हुआ था. बीच के वर्षों में लंबी अवधि तक अलग-अलग वजहों से काम नहीं हो सका. वर्ष 1996-97 से वर्ष 2012-13 तक योजना का कार्यान्वयन त्वरित लाभ कार्यक्रम से कराया गया. वर्ष 2023 में यह 1900 करोड़ का बजट हो गया. योजना के बाकी बचे कार्य और रेस्टोरेशन के काम के लिए प्रमुख रुप से 28 दिसबंर 2020 को 735.0125 करोड़ रुपए का एकरारनामा किया गया है जिसके तहत कार्य की प्रगति लगभग 94 प्रतिशत है. इस प्रोजेक्ट के तहत नेपाल के भीमनगर में कोसी नदी पर बने बराज से एक नहर निकाली गई है, जिसे पश्चिमी कोसी मुख्य नहर कहते हैं. दरभंगा-मधुबनी में इसका कमांड क्षेत्र भी बढ़ेगा. योजना में उग्रनाथ शाखा नहर, विदेश्वर स्थान उप शाखा नहर और काकरघाटी शाखा नहर के विस्तारीकरण का प्रावधान है. विस्तारण के बाद लगभग 30 हजार हेक्टेयर कमांड क्षेत्र में बढ़ोतरी होगी. पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के विस्तार और आधुनिकीकरण से मिथिला के मधुबनी, दरभंगा और समस्तीपुर जिले के हजारों किसानों को फायदा होगा. मंगलवार को राज्य कैबिनेट ने 8678.29 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है. पश्चिमी कोसी मुख्य नहर व इसकी वितरण प्रणालियों का पक्कीकरण किया जाएगा. इसके अलावा 58,658 हेक्टेयर कृषि योग्य कमांड क्षेत्र के सृजन के लिए उगनाथ शाखा नहर, विदेश्वरस्थान शाखा नहर और काकरघाटी शाखा नहर का विस्तार किया जाएगा. जिसमें 990 नई संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा. 763 संरचनाओं की मरम्मत की जाएगी. इनमें 260 पुलों का निर्माण और 407 पुलों की मरम्मत, 558 रेगुलेटर्स का निर्माण और 218 की मरम्मत, 158 क्रॉस ड्रेनेज स्ट्रक्चर्स का निर्माण और 127 की मरम्मत, 11 नए फॉल्स का निर्माण और 11 की मरम्मत, तथा तीन प्रोटेक्शन वर्क का कार्य होगा. परियोजना से जिले के बीस प्रखंड के किसान को मिलेगा लाभ इस परियोजना से मधुबनी के 20 प्रखंडों लौकही, खुटौना, घोघरडीहा, फुलपरास, बाबूबरही, अंधराठाढ़ी, झंझारपुर, मधेपुर, लखनौर, खजौली, लदनियां, लौकहा, राजनगर, पंडौल, कलुआही, रहिका, बेनीपट्टी, बिस्फी, बासोपट्टी, हरलाखी एवं मधवापुर व दरभंगा के 16 प्रखंडों बहेड़ी, बिरौल, घनश्यामपुर, अलीनगर, गौड़ाबौराम, हनुमाननगर, किरतपुर, कुशेश्वरस्थान, कुशेश्वरस्थान पूर्वी, हायाघाट, तारडीह, मनीगाछी, केवटी, दरभंगा सदर, बेनीपुर और बहादुरपुर के करीब 24 लाख लोग लाभान्वित होंगे. जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना से मिथिला क्षेत्र में कृषि का विस्तार होगा और पंजाब व हरियाणा की तरह खेती होने लगेगी. राज्यसभा सांसद ने कहा कि परियोजना के तहत 741 किमी लंबी नहरों की सीमेंट-कंक्रीट लाइनिंग की जाएगी.इससे मधुबनी और दरभंगा जिले में सालोंभर बिना रुकावट सिंचाई के लिए पानी पहुंचेगा. परियोजना की वार्षिक सिंचन क्षमता दो लाख 91 हजार हेक्टेयर से अधिक है. इससे रबी और खरीफ दोनों फसलों को सीजन में भरपूर पानी मिलेगा. नहर के तटबंधों पर कुल 338 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कराया जाएगा.
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