मधुबनी. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वावधान में भागवत गीता ज्ञान प्रवचनमाला कार्यक्रम के अंतिम दिन भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. शाम में डीएम आनंद शर्मा श्रीमद्भगवद्गीता कथा कार्यक्रम में शिरकत किये. डीएम ने भागवत कथा मंच से संबोधित करते हुए कहा कि गीता ज्ञान प्रवचनमाला कार्यक्रम के श्रवण से मधुबनी नगर वासी अभिभूत हुए हैं. उन्होंने कहा कि गीता ज्ञान के आध्यात्मिक रहस्यों के समझने से लोगों में बदलाव निश्चित होगा. गीता ज्ञान सत्र के अंतिम सत्र में राजयोगिनी कंचन दीदी ने बताया यह सृष्टि एक वृक्ष की भांति है और परमात्मा इसका बीज है. परमात्मा अपने धाम परमधाम में सृष्टि होने का भी संकल्प करते हैं. परमात्मा ने निर्विकार श्रेष्ठ पवित्र दुनिया बनाई. उन्होंने आगे बताया कि तीन प्रकार के संस्कार होते हैं. सात्विक, राजसिक एवं तामसिक. मां जैसा भोजन करती है ठीक उसी प्रकार गर्भस्थ शिशु पर असर पड़ता है. उन्होंने बताया कि तीन प्रकार के दान होते हैं. सात्विक, राजसिक, तामसिक. जो दान बिना किसी कामना के किया जाता है, इच्छाओं के बिना तो सात्विक दान है. जो दान किसी कामना पूर्ति के उद्देश्य किया जाता है वह राजसिक दान की श्रेणी में आता है. जिस दान में किसी के अहित की भावना होती है वह दान तामसिक दान है. मुख्य रूप से उन्होंने आज अंतिम दिवस गीता ज्ञान के मार्मिक अर्थ को स्पष्ट किया. कार्यक्रम में नगर विधायक समीर कुमार महासेठ ने कंचन दीदी को सम्मानित किया. कहा कि यह हम सभी जिला वीसियों के लिए बहुत ही खुशी और गर्व का विषय है की इतना सुंदर कार्यक्रम प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किया गया है. कहा कि वे ब्रह्माकुमारी का अपना पूरा सहयोग करते रहेंगे. कार्यक्रम के अंत में आरती में संस्था के मुख्य संगीता बहन, विभा बहन, बृजराज भाई, इंद्र भाई, पुरुषोत्तम भाई, कमल भाई, राम भाई, उमेश भाई एवं शहर के अनेक लोगों ने आरती की.
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