KK Pathak: केके पाठक को मोदी सरकार ने दी बड़ी जिम्मेदारी, बनाए गए कैबिनेट सचिवालय में विशेष सचिव

KK Pathak: शिक्षा विभाग में अपने कड़क स्वभाव के लिए परिचित आईएएस अधिकारी केके पाठक को केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिवालय में विशेष सचिव बनाया गया है. उम्मीद है कि 1 मई से केके पाठक दिल्ली में अपना पदभार ग्रहण करेंगे. बिहार में जहां केके पाठक एक विभाग के अपर मुख्य सचिव थे वहीं दिल्ली जाते ही उन्हें बड़ा पद मिला है.

By Prashant Tiwari | April 30, 2025 6:01 PM
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KK Pathak:  अपने कड़े तेवर के लिए मशहूर आईएएस अधिकारी केके पाठक का कद और बढ़ गया है. भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी केशव कुमार पाठक को केंद्र सरकार में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. बिहार के बहुचर्चित और सख्त अफसर रहे केके पाठक अब केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिवालय में विशेष सचिव बनाया गया है. इससे पहले उन्हें अपर सचिव के पद पर स्थानांतरित किया गया था. अब केंद्र सरकार ने उनके पद को बढ़ा कर विशेष सचिव बना दिया है. इस वरिष्ठ अधिकारी के के पाठक को बिहार सरकार ने 1 मई 2025 से केंद्र सरकार की सेवा में योगदान देने के लिए रिलीव कर दिया है. जानकारी के अनुसार 1990 बैच के आईएएस अधिकारी पाठक की सेवानिवृत्ति अब निकट है. ऐसे में उनके मूल काडर बिहार में वापसी की संभावना कम है. 

बिहार में असहज महसूस कर रहे हैं के के पाठक

के के पाठक कुछ महीनों से बिहार में सहज महसूस नहीं कर रहे. असहजता की वजह से के के पाठक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति चाहते हैं. यही कारण है कि 18 अप्रैल को केंद्र सरकार ने उन्हें एडिशनल सेक्रेटरी नियुक्त किया था.  फिर 26 अप्रैल को बिहार सरकार को नया आदेश मिला, जिसमें उनके पद को विशेष सचिव में अपग्रेड करने की सूचना दी गई.

सख्त कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं पाठक

बिहार में अपने कार्यकाल के दौरान पाठक की कार्यशैली सख्त और निर्णायक मानी जाती रही है. शिक्षा विभाग में उनके कार्यकाल को बड़े सुधारों के लिए जाना जाता है. स्कूलों की व्यवस्था और शिक्षकों की उपस्थिति में सुधार लाने के लिए उन्होंने राज्यभर का दौरा किया.

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1 मई को कर सकते हैं पदभार ग्रहण

खबर है कि 1 मई को केके पाठक दिल्ली में अपना पदभार ग्रहण कर सकते हैं. उनके सख्त प्रशासकीय सूझ-बूझ और बेबाक रवैये के कारण केंद्र में भी उनसे बड़ी जिम्मेदारियों की अपेक्षा की जा रही है. के के पाठक बिहार में भी कई विवादों से घिरे रहे. उनके सख्त फैसलों से शिक्षा विभाग और राजभवन आमने सामने हो गया था.-रानी ठाकुर

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