मंतोष कुमार पटेल, सासाराम
Loksabha Election: काराकाट लोकसभा क्षेत्र में पहला चुनाव 2009 में हुआ था. उस समय एनडीए के समर्थन से जदयू के महाबली सिंह चुनाव जीते थे. 2014 में देश में मोदी मैजिक शुरू हुआ, तो एनडीए का साथ छोड़ जदयू की टिकट पर चुनाव में उतरे महाबली सिंह को हार का सामना करना पड़ा था. उस चुनाव में एनडीए समर्थित राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के उम्मीदवार उपेन्द्र कुशवाहा मोदी मैजिक से चुनाव जीत गए थे.
तीसरे चुनाव 2019 में फिर, पुराना चेहरा व गठबंधन 2009 वाला आया. मोदी मैजिक के सहारे जदयू के महाबली सिंह चुनाव जीत गए और मोदी का हाथ झटकने वाले रालोसपा सुप्रीमो को हार का मुंह देखना पड़ा था. चौथे चुनाव 2024 में रालोसपा और जदयू दोनों पार्टी काराकाट क्षेत्र से लापता है. रालोसपा का नया नाम राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमा) हो गया है और रालोसपा के पुराने सुप्रीमो इस बार रालोमा के सुप्रीमो की हैसियत से मोदी मैजिक के सहारे जीत के लिए काराकाट क्षेत्र में पसीना बहा रहे हैं.
यानी तीनों चुनावों में एनडीए को ही जीत मिली थी, जिसके दो चुनावों 2014 और 2019 में मोदी मैजिक का अहम रोल रहा था. लेकिन, चौथे 2024 के चुनाव में काराकाट लोकसभा क्षेत्र में निर्दलीय भोजपुरी के पावर स्टार पवन सिंह की एंट्री से मोदी मैजिक को कड़ा टक्कर मिलने लगा है. इस बार एनडीए व इंडिया गठबंधन की सीधी टक्कर को निर्दलीय पवन सिंह त्रिकोणीय मुकाबला में बदलने के लिए उतावले हैं.
चुनावी समर में राजा राम को पवन से झटका
रामायण काल में राजा रामचंद्र को समर के दौरान पवन पुत्र का बड़ा सहयोग मिला था. लेकिन, काराकाट के चुनावी समर में पवन से राजा राम को झटका लग रहा है. पवन के फैन्स व समर्थक एनडीए में ही नहीं इंडिया गठबंधन में भी हैं. इसका प्रमाण तब मिला जब एनडीए गठबंधन के दो घटक दलों ने अपने चार पदाधिकारियों को पवन सिंह के समर्थन में कार्य करने के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया था. तो, इंडिया गठबंधन के घटक दल राजद में पवन सिंह के फैन्स की बड़ी संख्या माले उम्मीदवार के लिए चिंता का विषय बनी हुई है.
भोजपुरी कलाकारों का जमावड़ा, फिजा बदलने पर आमादा
काराकाट लोकसभा क्षेत्र बिहार में एक ऐसा चुनावी समर क्षेत्र बन गया है, जिसमें राजनीति के बड़े धुरंधरों को टक्कर देने के लिए भोजपुरी के गायक, अभिनेता भी उतर चुके हैं और उतर रहे हैं. भोजपुरी गायक सह अभिनेता खेसारी लाल यादव, अरविंद अकेला उर्फ कल्लू, अनुपमा यादव, शिल्पी राज, शिवानी सिंह, काजल राघवानी, पाखी हेगडे, आस्था सिंह, आनंद मोहन आदि गांव-गांव में सभा कर पवन सिंह के लिए वोट मांग रहे हैं. इनकी सभाओं में लोगों की भीड़ भी उमड़ रही है. यह भीड़ वोट में बदलती है या नहीं. यह तो भविष्य बताएगा. लेकिन, काराकाट में पवन सिंह की दस्तक से त्रिकोणीय संघर्ष का आसार लगभग बन चुका है.
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