पटना. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमइजीपी ) में रोजगार पाने की उम्मीद में पूरे बिहार में कुल 11 हजार से अधिक मामले लंबित हैं. दरअसल कोविड संक्रमण काल में रोजगार सृजन कार्यक्रम के लिए काफी आवेदन आये हैं.
पिछले और चालू वित्तीय वर्ष में अभी तक केवल 30 फीसदी आवेदनों को लोन के लिए बैंकों ने हरी झंडी दी है. इस मामले में सबसे हैरतपूर्ण जानकारी यह है कि लंबित मामलों में करीब पांच हजार आवेदन पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 के हैं.
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के आवेदकों में बेचैनी इस बात को लेकर है कि बैंक बिना किसी ठोस वजह से लोन मंजूरी में रोड़ा अटका रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक उद्योग विभाग के पास ऐसी सूचना आयी हैं कि बैंकों ने अधिकतर केसों में बेरोजगारों के प्रस्तावित प्रोजेक्ट को गैर व्यावहारिक बताकर वापस किये हैं.
कुछ मामले में बैंकों ने नियम विरुद्ध जाकर आवेदकों से वित्तीय जमानत या गारंटी की भी मांग भी कर डाली है, जबकि इस योजना के तहत आवेदकों को किसी तरह की जमानत की बाध्यता नहीं है.
फिलहाल बिहार प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 2822 लोन मंजूर करने हैं. करीब दो साल में अभी तक 800 केस में ही लोन मंजूर किये हैं. इस तरह लक्ष्य से करीब पांच गुना आवेदन आये हैं.
केंद्र ने चेताया
इधर, इस योजना के तहत खादी और ग्रामोद्योग विभाग ने प्रदेश के उद्योग सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि आपके राज्य में जिला उद्योग केंद्रों के पास 4626 हजार से अधिक केस तीस दिनों से अधिक समय से लंबित हैं. 3697 आवेदक ऐसे हैं जिनके आवेदन 45 दिनों से लंबित हैं.
Posted by Ashish Jha
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