पोस्ट निर्माण भारत नेपाल मैत्री के खिलाफ
सीमा क्षेत्र में हो रहे इस निर्माण पर नेपाल सरकार ने भी आपत्ति दर्ज की है. नेपाल के पर्सा जिले के एपीएफ डीएसपी लोकेंद्र बहादुर सूबा स्वयं मौके पर पहुंचे और भारत की इस गतिविधि को भारत-नेपाल मैत्री संबंधों के खिलाफ बताया. नेपाल की ओर से इस मामले में औपचारिक विरोध दर्ज कराया गया. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कस्टम विभाग ने हरैया थाना पुलिस को सूचित किया है. कस्टम विभाग ने थाने में एसएसबी के खिलाफ अवैध निर्माण के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन सौंपा है. कस्टम आयुक्त मोहन कुमार मीणा ने इस घटनाक्रम की जानकारी पूर्वी चंपारण के डीएम और एसपी को दी है और प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की है. भारत-नेपाल सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. स्थानीय प्रशासन की निगरानी में बातचीत जारी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका है.
नहीं निकला बैठक में कोई नतीजा
रविवार को घटनास्थल पर एसएसबी के असिस्टेंट कमांडेंट दिव्यांशु चौहान, नेपाल एपीएफ के डीएसपी और भारत के कस्टम अधिकारियों के बीच लंबी बातचीत हुई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका. दोनों पक्ष अपनी-अपनी बातों पर अड़े रहे. बताया जा रहा है कि 10 मार्च 2024 को गृह मंत्रालय के आदेश पर तत्कालीन एसएसबी आईजी पंकज दरार ने इस स्थान से एसएसबी का अस्थायी पोस्ट हटवाया था. इसके बाद यहां सिर्फ दो महिला कांस्टेबल की एक हेल्प डेस्क तैनात थी. अब दोबारा पोस्ट बनाए जाने की कोशिश से विवाद फिर गहरा गया है. इधर एसएसबी के असिस्टेंट कमांडेंट दिव्यांशु चौहान ने स्पष्ट किया कि एसएसबी को भारत-नेपाल सीमा पर 15 किलोमीटर के दायरे में तैनाती का अधिकार है. उन्होंने कहा कि हम यहां कोई स्थायी निर्माण नहीं कर रहे हैं, बल्कि सुरक्षा के लिए सिर्फ एक अस्थायी पोस्ट बना रहे हैं.
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