कैसे होता है अमरनाथ यात्रा के लिए निबंधन
निबंधन कराने के लिए लोगों को सबसे पहले सदर अस्पताल में कम से कम तीन डॉक्टर से जांच कराकर मेडिकल फिटनेस का सर्टिफिकेट लेना होता है. इसके बाद वह सर्टिफिकेट लेकर श्रद्धालु बैंक पहुंचते है जहां उसके आधार पर उनका 150 रुपये चालान शुल्क लगता है. इसके बाद उनके आधार कार्ड के साथ बायोमिट्रिक कर रजिस्ट्रेशन किया जाता है. पीएनबी अघोरिया बाजार (एलआइसी) शाखा के मुख्य प्रबंधक संजीव कुमार ने बताया कि इसमें निबंधन का एक मानक तय है, जिसके अनुसार श्रद्धालु अपना निबंधन कराते है. जुलाई माह तक का निबंधन लगभग समाप्त हो चुका है.
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पहलगाम का रास्ता सुगम, बालटाल का कठिन
अमरनाथ जाने के लिए दो रास्ते है एक पहलगाम और दूसरा बालटाल होकर. दोनों यात्रा श्रीनगर से ही शुरू होती है. पहलगाम का रास्ता लंबा अधिक है, वहीं बालटाल का शॉर्ट रास्ता है. लेकिन श्रद्धालु पहलगाम के रास्ता को प्राथमिकता देते है, क्योंकि यह रास्ता बालटाल की तुलना में सुगम है. बालटाल के रास्ते में सीढ़ी खड़ी चढ़ाई है जहां बुजुर्ग, ज्वाइंट पेन वाले श्रद्धालु के लिए कठिनाई अधिक होती है. यही कारण है कि अधिकांश लोग पहलगाम के रास्ते को प्राथमिकता देते है. जगह खाली नहीं होने की स्थिति में बालटाल के रास्ते का निबंधन कराते है. वहीं युवा वर्ग बालटाल के रास्ते को प्राथमिकता देते है. उनके लिए यह रास्ता एडवेंचर्स की तरह होता है.