रिसर्च में खुलासा, बढ़ रही नॉन एल्कोहलिक फैटी लीवर की समस्या
टाइप टू डायबिटीज मरीजों में नॉन एल्कोहलिक फैटी लीवर की समस्या बढ़ती जा रही है. उत्तर बिहार में की रिसर्च में डायबिटीज के 74 फीसदी मरीजों में ऐसी समस्या पायी गयी है जिसे वैश्विक स्वास्थ्य चिंता का विषय माना गया है. रिसर्च सेंटर फॉर डायबिटीज, हाइपरटेंशन एंड ओबेसिटी के निदेशक डॉ सुप्रियो मुखर्जी ने रिसर्च में पाया कि 74 फीसदी टाइप-2 डायबिटीज मरीज लीवर की समस्या से पीड़ित हैं. रिसर्च का यह पेपर वर्ल्ड जर्नल ऑफ हेपाटोलॉजी में प्रकाशित है.
फैटी लीवर से बचने के लिए करें परहेज
डायबिटीज के मरीजों को फैटी लीवर से बचने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव करने चाहिये.इसमें स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम व वजन नियंत्रण शामिल हैं. इसके अलावा, शराब से परहेज करना व नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराना भी अहम है. फैटी लीवर से बचने के लिए ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज व प्रोटीन से भरपूर आहार लेने चाहिये. शर्करा, तेल व जंक फूड से परहेज करना चाहिये. रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करना जरूरी है. इसके अलावा मोटापा कम करना भी जरूरी है. मोटापा कम करने से फैटी लीवर व डायबिटीज दोनों का खतरा कम होता है. शराब का सेवन लीवर को नुकसान पहुंचाता है, इसलिए इससे बचना चाहिये. नियमित अंतराल पर डॉक्टर से सलाह लेकर ब्लड शुगर व लीवर फंक्शन टेस्ट भी कराना चाहिये.
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