:: बैकलॉग इंट्री को लेकर जारी एसओपी के तहत कार्रवाई करने का निर्देश वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर 15 साल पुराने ऑफलाइन वाहनों की बैकलॉग इंट्री के लिए परिवहन मुख्यालय पटना भेजे गये 83 वाहनों के कागजात को वापस जिला परिवहन कार्यालय को लौटा दिया गया है. कहा गया है कि 13 सितंबर 2023 को इस संबंध में जारी एसओपी के तहत सत्यापित प्रति के साथ पुन इन सभी वाहनों के कागजात को उपलब्ध कराया जाये. इसके बाद ही मुख्यालय में गठित विभागीय जांच कमेटी उन कागजात की जांच कर बैकलॉग इंट्री की अनुमति प्रदान करेगी. सहायक परिवहन जितेंद्र कुमार ने इस संबंध में डीटीओ और एडीटीओ को निर्देश जारी किया है. यहां बताते चलें कि इससे पहले भी एसटीसी ने बैकलॉग इंट्री वाले वाहनों के आवेदन में चूक नहीं होनी चाहिए. बावजूद इसके शत प्रतिशत कागजात उपलब्ध नहीं होने के कारण एक बार फिर से 83 वाहनों के कागजात को मुख्यालय द्वारा लौटाया गया है. लेकिन डीटीओ कार्यालय की इस गलती का खामियाजा बेकसूर वाहन मालिकों को चुकाना होता है जो महीनों से पुराने वाहन के बैकलॉग इंट्री कराने के लिए कार्यालय में कागजात जमा कराते हैं और पताही में जाकर अपने वाहनों का भौतिक सत्यापन कराते हैं. इसमें उनके वाहन के रजिस्ट्रेशन की समय सीमा समाप्त हो जाती है और उन्हें दोबारा निबंधन में विलंब होने पर जुर्माना देना पड़ता है. जबकि विभाग की ओर से जारी एसओपी में स्पष्ट है कि चेचीस प्रिंट स्पष्ट होनी चाहिए. कुछ मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि जिस गाड़ी के कागजात होते है उसके आवेदन में गाड़ी नंबर के इंट्री में गलती रहती है. कुछ मामले ऐसे भी है जिसमें चेचीस प्रिंट के जगह पर लोहे के प्लेट पर वेल्डिंग कर उस पर चेचीस नंबर प्रिंट किया गया है. जो उसके आकार, अक्षर के बीच में गैप से पता चलता है, यह संदेहास्पद प्रतीत होता है. ऐसे मामलों में रोक लगाने को लेकर अपने स्तर से इंजन व चेचीस प्रिंट की सही से जांच कर ही अभिलेख परिवहन मुख्यालय को उपलब्ध कराये. डीटीओ कुमार सत्येंद्र यादव ने बैकलॉग इंट्री को लेकर एडीटीओ व एमवीआइ को वाहनों की बारीकी से जांच करने को कहा है.
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